ब्लैक फंगस के बाद अब नये संक्रमण ने बढ़ाई बिहार की मुश्किलें, सिटी स्कैन में भी पकड़ पाना आसान नहीं, सामने आए मामले
बिहार में कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस लोगों के लिए आफत बनकर सामने आई है. वहीं अभी स्वास्थ्य विभाग ने इस नये संक्रमण के लिए अपनी तैयारी शुरू ही की तबतक दूसरे संक्रमण ने भी प्रदेश में दस्तक दे दी है.एस्परगिलोसिस फंगस एक नया संक्रमण अब सामने आ चुका है जिसने बिहार में अब दस्तक दे दिया है. पटना के अस्पतालों में इसके कुछ मामले सामने आए हैं.
बिहार में कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस लोगों के लिए आफत बनकर सामने आई है. वहीं अभी स्वास्थ्य विभाग ने इस नये संक्रमण के लिए अपनी तैयारी शुरू ही की तबतक दूसरे संक्रमण ने भी प्रदेश में दस्तक दे दी है.एस्परगिलोसिस फंगस एक नया संक्रमण अब सामने आ चुका है जिसने बिहार में अब दस्तक दे दिया है. पटना के अस्पतालों में इसके कुछ मामले सामने आए हैं.
कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस के मामले पाए जा रहे हैं. वहीं एस्परगिलोसिस का ठीक इसी तरह मिलता-जुलता संक्रमण ही है. लेकिन इसकी पहचान डॉक्टरों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिटी स्कैन में भी इसे आसानी से पकड़ पाना मुश्किल है. डॉक्टरों के लिए यह एक नयी चुनौती बन चुका है क्योंकि उन्हें इलाज के पहले कंफर्म होना पड़ता है कि मरीज ब्लैक फंगस का है या फिर एस्परगिलोसिस का. उसके बाद ही वो इलाज की प्रक्रिया शुरु कर सकते हैं.
मेडिकल क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि स्टेरॉयड के जरूरत से ज़्यादा इस्तेमाल के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए. ब्लैक फंगस के अलावा एस्परगिलोसिस संक्रमण का खतरा भी कमजोर इम्यून वाले मरीजों को ज्यादा होता है. इसे पोस्ट टीबी मरीजों में ज्यादा पाया जाता है.पोस्ट कोविड मरीजों के नाक, फेफड़े, आंख व दिमाग में यह पहुंच सकता है. ऐसे कई मामले भी सामने आए हैं जिसने डॉक्टरों को भी हैरानी में डाला है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पटना में इस लक्षण के दो मरीज सामने आए हैं. दोनों मरीजों को गंभीर कोविड निमोनिया भी था. जांच के बाद उनमें एस्परगिलोसिस पाया गया. हालांकि इलाज के बाद दोनों स्वस्थ हो गए. यह संक्रमण ब्लैक फंगस की तरह अधिक खतरनाक नहीं है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan