23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar Flood: गंडक हुई शांत तो कटाव बनी समस्या, गोपालगंज में मौसमी बीमारियों का भी अब कहर

गंडक की बाढ़ का खतरा कम होने के बाद अब कटाव के कारण किसानों और अन्य ग्रामीणों पर नयी मुश्किलें मंडराने लगी हैं. वहीं नयी-नयी बीमारियों के कारण भी अब परेशानी बढ़ गयी है.

गोपालगंज: वाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज में कमी आने के बाद गंडक की बाढ़ का खतरा तो कम हो गया है. गंडक नदी पिछले चार दिनों से शांत हो गयी है. पानी का डिस्चार्ज भी पिछले 48 घंटे से 1.19 लाख के करीब रहा है.

सोमवार को भी गंडक नदी विशंभरपुर में खतरे के निशान से 44 सेमी ऊपर बह रही है. नदी के लेवल कम होने के साथ ही कटावी धारा अब किसानों पर सितम ढाहने लगी है. नदी का कटाव बेकाबू है.

तीन दिनों में तेजी से गन्ने की फसलों को काटती हुई नदी बांध की ओर बढ़ रही है. कटाव को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग की ओर से किया गया प्रयास नाकाम साबित हुआ है. नदी कटाव करती हुई लगातार दक्षिण की ओर शिफ्ट हो रही है.

Also Read: Bihar: विधवा को प्रोत्साहित कर पंचायत चुनाव लड़वा रहे ग्रामीण, नामांकन के बाद देवर ने मांग में भरा सिंदूर

नदी की कटावी धारा अब तक लगभग 110 एकड़ गन्ना की फसल को निगल चुकी है. आसपास गंडक नदी की धारा शुक्रवार से लगातार कटाव करते हुए दक्षिण की ओर शिफ्ट होने को अग्रसर है. किसान किसान प्रमोद प्रसाद, जितेंद्र भगत आदि ने बताया कि अब तक 60 लाख से अधिक के गन्ने की फसल को नुकसान हो चुका है. नदी का कटाव लगातार जारी है.

बता दें कि दिया क्षेत्र के किसानों की आय का मुख्य स्रोत गन्ना है. इस बार गन्ने की फसल भी काफी अच्छी थी, जिसे देख किसान फूले नहीं समा रहे थे. अब नदी कटाव का किसानों की अरमानों और खुशियों को छीन लिया है. कटाव कब रुकेगा, कहना मुश्किल है. लेकिन, किसान कटाव का दर्द लिये सिसक रहे हैं.

किसानों की मानें, तो गंडक की धारा प्रति घंटे 10 मीटर की रफ्तार से कटाव करते आगे बढ़ रही है. उधर, विशेषज्ञों की मानें तो पानी का डिस्चार्ज घटने के साथ ही तटबंधों पर कटाव का खतरा भी बढ़ जाता है.

वहीं, अहिरौलीदान- विशुनपुर बांध पर अधीक्षण अभियंता ब्रजकिशोर रजक, कार्यपालक अभियंता श्रीनिवास प्रसाद, सहायक अभियंता अनिल कुमार सिंह ने डेंजर जोन पर मोर्चा संभाले हुए थे. उधर अभियंताओं ने बताया कि तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है.

नदी के शांत होने के साथ ही बाढ़ का पानी गांवों में पानी कम होने लगा है. गांव लौटने वालों के सामने अब मौसमी बीमारियों का भी कहर बनने लगा है. हाथ-पैरों में सड़न, खुजली, दिनाय, खाज-खुजली ने भी कम मुश्किलें नहीं पैदा की हैं. नीचे बाढ़ का पानी ऊपर से धूप पीड़ितों को बीमार कर रही है.

बाढ़पीड़ित इलाके में वायरल बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम की चपेट में लोग आ रहे हैं. झोलाछाप डॉक्टरों की चांदी कट रही है. डॉक्टरों की टीम भी नहीं पहुंच पा रही. लोगों में गर्मी के कारण डायरिया का भी खतरा बढ़ता जा रहा है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें