बिहार बाढ़: दरभंगा जिले में बाढ़ के कारण सड़क किनारे रहने को मजबूर लोग, कई गांव डूबे
बिहार में बाढ़. कई दिनों से लोग बाढ़ के कहर से परेशान हैं. बाढ़ ने घर और खेत के अंतर को मिटा दिया है. हर तरफ सिर्फ पानी ही पानी है. बड़ी संख्या में लोगों ने सड़क किनारे आशियाना बनाया है. ये हकीकत है दरभंगा जिले की. जहां बाढ़ की विनाशलीला जारी है. दरअसल, दरभंगा जिले के मब्बी ओवर ब्रिज के समीप नयाटोला बाढ़ की चपेट में है. सात दिनों से कई घरों में बाढ़ का पानी घुसा है. लोग ऊंची जगहों पर शरण लेने को मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ित कुछ सामानों और मवेशियों के साथ फोरलेन के किनारे रह रहे हैं.
बिहार में बाढ़. कई दिनों से लोग बाढ़ के कहर से परेशान हैं. बाढ़ ने घर और खेत के अंतर को मिटा दिया है. हर तरफ सिर्फ पानी ही पानी है. बड़ी संख्या में लोगों ने सड़क किनारे आशियाना बनाया है. ये हकीकत है दरभंगा जिले की. जहां बाढ़ की विनाशलीला जारी है. दरअसल, दरभंगा जिले के मब्बी ओवर ब्रिज के समीप नयाटोला बाढ़ की चपेट में है. सात दिनों से कई घरों में बाढ़ का पानी घुसा है. लोग ऊंची जगहों पर शरण लेने को मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ित कुछ सामानों और मवेशियों के साथ फोरलेन के किनारे रह रहे हैं. नाव की व्यवस्था नहीं है. हालांकि, पीड़ितों को प्रशासन की ओर से सामुदायिक किचेन के जरिए भोजन मिल रहा है. नयाटोला की तरह केतुका गांव भी बाढ़ की चपेट में है. लोगों के सामने खुद के साथ ही मवेशियों की भी चिंता हैं. किसी तरह मवेशियों के लिए लोग चारा ला रहे हैं. बाढ़ की आपदा में खुद के साथ ही मवेशियों को बचाना सबसे बड़ी चुनौती है. दरभंगा जिले के शोभन गांव में भी बाढ़ का कहर है. एसएच-75 और फोरलेन के बीच बसे चक्का, शाहपुर समेत कई गांव पूरी तरह बाढ़ से घिर गये हैं. एसएच-75 पर माधोपुर काली मंदिर से फोरलेन को जोड़ने वाली सड़क पर पानी के चलते आवागमन बंद है. कमोबेश अधिकांश गांव की एक जैसी ही कहानी है. कहते हैं वक़्त हर जख्म को भर देता है. बाढ़ में टूटे मकान फिर बन जाएंगे, बर्बाद फसले फिर लहलहायेगी. बड़ा सवाल यह है कि साल दर साल आने वाली बाढ़ की तबाही से कब मुक्ति मिलेगी?