कोरोना जांच नहीं करायी लेकिन पॉजिटिव मरीजों की सूची में आ गया नाम, जानें क्या है पूरा मामला
रेलवे स्टेशन के व्यवसायी सुशील उदयपुरिया ने बताया कि जब मैंने कोरोना की जांच करायी ही नहीं, तो मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव कैसे आ गयी है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा फोन कर दी गयी. बताया कि इसकी चर्चा मैंने घर पर की, तो परिजनों के बीच हड़कंप मच गया. इसके बाद मजबूर होकर आनन-फानन में मैने कोविड जांच करायी, जिसमें मेरी रिपोर्ट निगेटिव आयी है.
Jharkhand News, Latehar News लातेहार : स्वास्थ्य विभाग गारू प्रखंड के रेफरल अस्पताल में ग्रामीणों के 1810 कोरोना सैंपलों के मामले में संदेहात्मक तथ्य सामने आये हैं. यह विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है. विभाग द्वारा छह मई को जारी की गयी कोरोना पॉजिटिव लोगों की सूची में कई ऐसे लोगों का नाम व मोबाइल नंबर के साथ शामिल हैं, जिन्हें गारू प्रखंड निवासी बताया गया है. पॉजिटिव लोगों की सूची में शामिल लातेहार रेलवे स्टेशन के व्यवसायी सुशील उदयपुरिया व छिपादोहर के रेलवे कर्मी शशिभूषण प्रसाद से पूछताछ करने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ है.
रेलवे स्टेशन के व्यवसायी सुशील उदयपुरिया ने बताया कि जब मैंने कोरोना की जांच करायी ही नहीं, तो मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव कैसे आ गयी है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा फोन कर दी गयी. बताया कि इसकी चर्चा मैंने घर पर की, तो परिजनों के बीच हड़कंप मच गया. इसके बाद मजबूर होकर आनन-फानन में मैने कोविड जांच करायी, जिसमें मेरी रिपोर्ट निगेटिव आयी है.
उन्होंने बताया कि इस मामले की जानकारी मैंने उपायुक्त को दी है. वहीं लातेहार निवासी बालेश्वर पांडेय का नाम भी कोरोना पॉजिटिव की सूची में 33 वर्ष उम्र के साथ शामिल है. श्री पांडेय से बात करने पर उन्होंने सबसे पहले बताया कि मेरी उम्र 66 वर्ष है. दूसरी बात यह कि मैंने आज तक कोरोना की जांच करायी ही नहीं है, फिर मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव कैसे आयी है यह मुझे पता नहीं है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना के नाम पर लोगों को परेशान करने में जुटा है. शहर के चंदनडीह निवासी प्रिया कुमारी ने कहा कि मैंने अपनी जांच 11 दिन पहले करायी थी और अब मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं. जब मै पूरी तरह स्वस्थ हो गयी तब मेरी रिपोर्ट आयी है. शशिभूषण कुमार नालंदा (बिहार) निवासी रेलकर्मी जो छिपादोहर में कार्यरत है. श्री कुमार ने बताया कि मैंने कोरोना की जांच करायी थी, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव है.
मैंने 15 दिन पहले कोरोना की जांच करायी थी. उन्होंने बताया कि मैं आज तक गारू प्रखंड गया ही नहीं, फिर मेरा आवासीय पता गारू कैसे हो गया, यह मुझे मालूम नहीं है. ज्ञात हो कि गारू रेफरल अस्पताल में 1810 सैंपल कोरोना की जांच के लिए पांच माह पूर्व सैंपल लिया गया था, लेकिन पांच माह के बाद भी सैंपल की जांच नहीं हुई और जिले को जांच प्रतिवेदन भेज दिया गया था.
Posted By : Sameer Oraon