बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में खुलेगा IIT का एक्सटेंशन सेंटर, एजुकेशन की क्वालिटी में अब और आयेगा सुधार

एमआइटी सहित राज्य के सभी 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में आइआइटी का एक्सटेंशन सेंटर खुलेगा. इंजीनियरिंग एजुकेशन की क्वालिटी में सुधार के लिए आइआइटी काउंसिल ने यह निर्णय लिया है. इसे सत्र 2021-22 से लागू करने की तैयारी चल रही है. आइआइटी व एनआइटी पटना राज्य के 19-19 इंजीनियरिंग कॉलेजों के मेंटर बनेंगे और समय-समय पर मार्गदर्शन देते रहेंगे. देशभर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार के लिए कॉलेजों को अब आइआइटी गाइड करेंगे. आइआइटी काउंसिल की पिछले दिनों हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | March 1, 2021 12:53 PM

एमआइटी सहित राज्य के सभी 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में आइआइटी का एक्सटेंशन सेंटर खुलेगा. इंजीनियरिंग एजुकेशन की क्वालिटी में सुधार के लिए आइआइटी काउंसिल ने यह निर्णय लिया है. इसे सत्र 2021-22 से लागू करने की तैयारी चल रही है. आइआइटी व एनआइटी पटना राज्य के 19-19 इंजीनियरिंग कॉलेजों के मेंटर बनेंगे और समय-समय पर मार्गदर्शन देते रहेंगे. देशभर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार के लिए कॉलेजों को अब आइआइटी गाइड करेंगे. आइआइटी काउंसिल की पिछले दिनों हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.

इंजीनियरिंग एजुकेशन की गुणवत्ता में सुधार के लिए आइआइटी एक्सटेंशन सेंटर की स्थापना की जायेगी. इसके तहत हर आइआइटी अपने आसपास के 10-10 इंजीनियरिंग कॉलेजों को मेंटरशिप देगा. आइआइटी का एक्सटेंशन सेंटर इंजीनियरिंग एजुकेशन की क्वालिटी व स्टैंडर्ड में सुधार के लिए काम करेगा. इसके अलावा आइआइटी टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट (टेकआइपी) में पिछड़े क्षेत्रों में स्थित संस्थानों के लिए सलाहकार के रूप में भाग लेंगे.

आइआइटी मेंटर बनकर इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई की गुणवत्ता, कोर्स डिजाइन, शोध, इनोवेशन, स्टार्टअप, शिक्षक ट्रेनिंग और कैंपस प्लेसमेंट पर काम करेंगे. आइआइटी काउंसिल की इसी हफ्ते आयोजित बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गयी है.

सरकार का प्रयास है कि सामान्य इंजीनियरिंग कॉलेजों में गुणवत्तायुक्त पढ़ाई के अवसर उपलब्ध हो. छात्रों को शोध, स्टार्टअप शुरू करने व कैंपस प्लेसमेंट की सुविधा मिल सके. अभी अधिकांश इंजीनियरिंग कॉलेजों में पासआउट होने वाले 52 फीसदी छात्रों को ही अच्छा रोजगार मिल पाता है. सरकार इसी कमी को दूर कर हर छात्र को अवसर उपलब्ध कराना चाहती है.

Also Read: बिहार पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवारों का नामांकन शुल्क हुआ तय, जानें मुखिया, सरपंच सहित अन्य पदों का नॉमिनेशन चार्ज

अभी तक एआइसीटीई ही सामान्य इंजीनियरिंग कॉलेजों में पाठय्क्रम, कोर्स व सीट से लेकर मान्यता देने पर काम करता है. हालांकि केंद्रीय बजट 2021 में ही भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन को मंजूरी दी गयी है. इसमें यूजीसी, एआइसीटीई व एनसीटीई मर्ज हो जाएंगे. आयोग सीधे मंत्रालय के अधीनस्थ रहेगा.

आइआइटी में दाखिले के लिए जेइइ एडवांस की कठिन परीक्षा पास करना होता है. साथ ही सभी आइआइटी में महज 16053 सीट हैं. आइआइटी में सीट बढ़ाने से उसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी. वहीं, देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में 14 लाख 23 हजार से अधिक सीट हैं. डिप्लोमा में दस लाख से अधिक सीट पर दाखिले होते हैं. ऐसे में इन छात्रों को आइआइटी की तर्ज पर इंजीनियरिंग की पढ़ाई मुहैया करवाने पर जोर दिया जा रहा है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Exit mobile version