नयी दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए कई कदमों की घोषणा करते हुए भारत और चीन की सेनाओं ने अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिक न भेजने का निर्णय किया है. मई में गलवान घाटी में चीन और भारत के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. दोनों देशों के बीच कई चरण की वार्ताएं हो चुकी हैं. इसके बाद भी अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. ऐसा पहली बार हुआ है कि दोनों देश की सेनाएं अपने सैनिकों की संख्या घटाने पर सहमत हुए हैं.
भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच हुई छठे दौर की वार्ता के संबंध में भारतीय सेना और चीनी सेना ने मंगलवार देर शाम एक संयुक्त बयान में कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को स्थिर करने के मुद्दे पर दोनों पक्षों ने गहराई से विचारों का अदान-प्रदान किया और दोनों पक्ष अपने नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति के ईमानदारी से क्रियान्वयन पर सहमत हुए.
पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को समाप्त करने के उद्देश्य से दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच सोमवार को 14 घंटे तक बैठक चली थी. बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष आपस में संपर्क मजबूत करने और गलतफहमी तथा गलत निर्णय से बचने पर सहमत होने के साथ ही अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिक न भेजने, जमीनी स्थिति को एकतरफा ढंग से न बदलने पर सहमत हुए.
इसमें कहा गया कि भारतीय और चीनी सेना ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने को सहमत हुईं जो स्थिति को जटिल बना सकती हैं. इसके साथ ही दोनों पक्ष समस्याओं को उचित ढंग से सुलझाने, सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति सुनिश्चित करने के लिए व्यावहारिक कदम उठाने पर सहमत हुए. बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द सैन्य कमांडर स्तर की सातवें दौर की वार्ता करने पर सहमत हुए.
Posted By: Amlesh Nandan.