22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत के इस पत्रकार ने तानाशाह सद्दाम हुसैन की रॉयल विंटेज कारों को खरीदा

1990 के दशक से पहले इराक में करीब 30 सालों तक दुनिया के सबसे बड़े तानाशाहों में शुमार सद्दाम हुसैन का शासन रहा. इराक में सद्दाम हुसैन के शासन का अंत होने के बाद उनकी कारों को चोरों ने चुराकर दुबई में बेच दिया. भारत के पत्रकार और इंडियन एक्सप्रेस के चेयरमैन विवेक गोयनका उनमें से दो कारों को खरीदकर भारत ले जाए.

नई दिल्ली : इराक के तानाशाह शासक सद्दाम हुसैन के नाम से भला कौन परिचित नहीं है, लेकिन उनकी कारों के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे. आप यह जानकर हैरान होंगे कि दुनिया के सबसे बड़े तानाशाहों में शुमार सद्दाम हुसैन की विंटेज कारों को भारत के पत्रकार और इंडियन एक्सप्रेस के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक और संपादकीय निदेशक विवेक गोयनका ने खरीदी है.

विवेक गोयनका के पास 100 से अधिक पुरानी विंटेज कारें

बताते चलें कि भारत में जब विंटेज कारों के कलेक्शन की बात आती है, तो विवेक गोयनका का नाम सबसे पहले लिया जाता है. वे विंटेज कारों के शौकीन हैं और उनके कलेक्शन में 100 से भी अधिक पुरानी और क्लासिक कारें शामिल हैं. बड़ौदा के शाही परिवार के वंशज प्रतापसिंह गायकवाड़ के साथ एक साक्षात्कार में विवेक गोयनका ने अपनी कुछ करीबी और पसंदीदा कारों के पीछे की दिलचस्प कहानियों को साझा किया है.

विवेक गोयनका ने 8 साल की उम्र में कार चलाना सीखा

प्रतापसिंह गायकवाड़ को यूट्यूब चैनल के लिए दिए गए साक्षात्कार विवेक गोयनका ने बताया कि उन्होंने आठ साल की उम्र से कार चलाना सीख लिया था. यह बात करीब 1963 की है. उस समय उनकी मां के पास साधारण फिएट कार थी. हालांकि, गोयनका परिवार के पास 1935 बेंटले पार्क वार्ड कन्वर्टिबल नामक विंटेज कार भी है. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने कार चलाना सीखा, उसी समय से उन्होंने उनकी देखभाल करना और विंटेज कारों का कलेक्शन करना शुरू कर दिया.

स्टडबेकर ग्रैन टर्सिमो थी सद्दाम हुसैन की कार

विवेक गोयनका ने कहा कि उनकी दुर्लभ और अविश्वसनीय कारों में सबसे पसंदीदा कार 1971 जगुआर ई टाइप वी12 कन्वर्टिबल है. अपने डिजाइन और शानदार सस्पेंशन के लिए जानी जाने वाली अनोखी 1977 सिट्रोएन डीएस गोयनका की बेशकीमती संपत्तियों में से एक है. इसके अलावा, उनके कार कलेक्शन में जो सबसे अलग कार थी, उसके बारे में कोई सोच नहीं सकता. यह कोई रोल्स रॉयस या दुर्लभ कार नहीं है, बल्कि एक साधारण कार स्टडबेकर ग्रैन टर्सिमो है. यह कार सद्दाम हुसैन के पास थी, जिसने लगभग 30 साल तक इराक पर तानाशाही शासन किया था.

Also Read: ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है तो भरना होगा जुर्माना, जानें कैसे करें आवेदन

विवेक गोयनका को कैसे मिली सद्दाम हुसैन की कार

इराक में जब तानाशाही शासक सद्दाम हुसैन के शासन का अंत हुआ, तो उनकी अधिकांश कारों को चोरों ने उड़ा लिया और उन्हें दुबई में बेच दिया. लेकिन, खरीदार डीलरों की दिलचस्पी फेरारी और दूसरी सुपरकारों में अधिक थी. इनमें से दो पुरानी कारों को प्रैक्टिकली दे दिया गया. विवेक गोयनका ने साक्षात्कार में बताया कि मैंने सरकार को लिखा और कुछ कारों को लाने की अनुमति मांगी. उन्हें दुबई से भारत आयात करने के लिए लाइसेंस हासिल किया और उन्हें लाया. उन्होंने कहा कि इससे विंटेज और क्लासिक कार बाजार में कारों का कारोबारी मूल्य बढ़ जाता है.

Also Read: Tata की इस शानदार EV कार का आपके शहर में क्या है दाम? यहां देखें 20 शहरों की प्राइस लिस्ट

गोयनका के पास है बड़ा वर्कशॉप

विवेक गोयनका बताते हैं कि उनके कार कलेक्शन में विंटेज लैंड रोवर्स और रोल्स रॉयस भी हैं. उन्होंने कहा कि भारत की सर्वश्रेष्ठ क्लासिक कारों के रखरखाव के लिए एक बड़ी सी वर्कशॉप की स्थापना की है. इसमें दिल्ली स्टेट ट्रेडिंग कंपनी से खरीदी गई एक रेंज रोवर शामिल है, जो ब्रिटिश मार्के से उनकी पहली कार थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें