Jharkhand News : हजारीबाग के इस गांव में सड़क और पुल भी लोगों को नसीब नहीं, कुछ इस तरह लोग करते हैं सड़क पार

लकड़ी का पुल बना कर लोग नदी पार करते हैं. बरसात आने पर नयी लकड़ी का पुल बनाया जाता है. बरसात में नदी के तेज धार आने पर लकड़ी के पुल बह जाता है. ग्रामीण इस नदी पर वर्ष में दो बार लकड़ी का पुल बनाते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | March 16, 2021 1:35 PM

Jharkhand News, Hazaribagh News हजारीबाग (संजय सागर) : बड़कागांव प्रखंड से 23 किमी दूर स्थित आंगो पंचायत के ग्राम पचंडा मूलभूत समस्याओं से वंचित है. यह गांव रांची व हजारीबाग जिले के बॉर्डर पर स्थित है. यहां 100 से अधिक परिवार रहते हैं. यह संथाली बहुल गांव है. झारखंड राज्य बनने के 20 साल बाद भी ग्रामीणों को सड़क व पुल भी नसीब नहीं हुआ.

लकड़ी का पुल बना कर लोग नदी पार करते हैं. बरसात आने पर नयी लकड़ी का पुल बनाया जाता है. बरसात में नदी के तेज धार आने पर लकड़ी के पुल बह जाता है. ग्रामीण इस नदी पर वर्ष में दो बार लकड़ी का पुल बनाते हैं.

वार्ड सदस्य विनोद बेसरा ने बताया कि नदी में जलस्तर बढ़ जाने से लकड़ी का बना हुआ पुल बह जाता है. इस कारण बच्चे विद्यालय नहीं जा पाते हैं. जिला परिषद के पूर्व प्रत्याशी कांग्रेस के युवा नेता दीपक करमाली ने बरसात आने से पहले पचंडा नदी पर पुल बनाने की मांग की है.

इन जगहों पर सड़कें बनाना है जरूरी

पचंडा से झिककझोर तक, हहारो नदी के पचड़ा के पास पुल बने, हाहारो नदी से योंगा मांझी के घर तक रोड, विनोद बेसरा के घर से हाहारी नदी तक, श्मशान घाट से श्यामलाल सोरेन के घर तक सड़क बनना आवश्यक हैं.

क्या कहना है मुखिया का

आंगो पंचायत की मुखिया सीता मरांडी ने बताया कि पचंडा नदी में पुल बनाने के लिए कई बार ग्रामसभा के माध्यम से सरकार के अधिकारियों को अवगत करा चुकी हूं . तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश कुमार इस नदी का तस्वीर खींच कर ले गए है.

क्या कहना है बीडीओ का

बीडीओ प्रवेश कुमार साव का कहना है कि पचण्डा गांव में जाकर निरीक्षण कर पुल निर्माण योजना एवं सड़क निर्माण के विकास में जोड़ेंगे. मैं प्रयासरत हूं कि हर नदियों में पुल बन जाए. पचण्डा में भी पुल अवश्य बनेगा

Posted By : Sameer Oraon

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