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दिल्ली में 2023 तक नहीं बेचे जाएंगे पटाखे, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कही ये बात

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर 1 जनवरी 2023 तक पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. उन्होंने कहा कि पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी यह प्रतिबंध लागू होता है.

By KumarVishwat Sen | September 7, 2022 3:11 PM

नई दिल्ली : भारत की राजधानी दिल्ली में अगले साल यानी वर्ष 2023 तक पटाखों का इस्तेमाल करना, उसे बेचना, बनाना या उसका भंडारण करना आसान नहीं होगा. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने फिलहाल 2023 तक इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. सबसे बड़ी बात यह है कि दिल्ली में ऑनलाइन या ऑफलाइन भी पटाखों की खरीद-बिक्री करने पर रोक लगाई गई है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को शहर में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी ऐलान किया है.

ताकि बचाई जा सके जिंदगी

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर 1 जनवरी 2023 तक पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. उन्होंने कहा कि पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी यह प्रतिबंध लागू होता है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने अपने ट्वीट कहा है, ‘ दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, ताकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके.’

1 जनवरी 2023 तक लगी रहेगी रोक

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा. यह प्रतिबंध एक जनवरी 2023 तक लागू रहेगा. प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने को लेकर दिल्ली पुलिस, डीपीसीसी (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति) और राजस्व विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी.’

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पिछले साल भी दिल्ली में पटाखों पर लगी थी रोक

दिल्ली सरकार ने पिछले साल भी 28 सितंबर से एक जनवरी 2022 तक राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री और उनके इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. पटाखा जलाने से होने वाले प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए दिल्ली सरकार ने ‘पटाखे नहीं दिए जलाओ’ अभियान भी शुरू किया था. पटाखों का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों और विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी.

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