Loan Moratorium: लोन मोरेटोरियम 28 सितंबर तक बढ़ा, SC ने केंद्र से दो हफ्ते में स्पष्ट निर्णय लेने को कहा
Loan Moratorium, Loan Moratorium case, Supreme court News: लॉकडाउन में आरबीआई की तरफ से दिए गए लोन मोरेटोरियम की सुविधा अगस्त के अंत के साथ ही खत्म हो गई है. अब लोन मोरेटोरियम की सुविधा और कुछ माह के लिए मिलेगी या नहीं इसके लिए 28 सितंबर तक का इंतजार करना होगा. इस मामले को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.
Loan Moratorium, Loan Moratorium case, Supreme court News: लॉकडाउन में आरबीआई की तरफ से दिए गए लोन मोरेटोरियम की सुविधा अगस्त के अंत के साथ ही खत्म हो गई है. अब लोन मोरेटोरियम की सुविधा और कुछ माह के लिए मिलेगी या नहीं इसके लिए 28 सितंबर तक का इंतजार करना होगा. इस मामले को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह की तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की.
कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से दिए गए लोन मोरेटोरियम मामले को लेकर केंद्र सरकार को ठोस फैसला लेने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया है. जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि मोरेटोरियम पर फैसला लेने के लिए केंद्र सरकार और आरबीआई को यह अंतिम मौका दिया जा रहा है. साथ ही कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम को 28 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है. बेंच ने कहा कि इस अवधि तक बैंक किसी भी लोन की किस्त न चुकाने पर एनपीए घोषित न करें. इस मामले पर अगली सुनवाई 28 सितंबर को की जाएगी
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक से कंपाउंड इंटरेस्ट यानि ब्याज पर ब्याज वसूलने और मोरेटोरियमे के दौरान पीनल इंटरेस्ट लगाने पर भी जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट में अलग अलग सेक्टर्स की ओर से दलीलें रखी जा चुकी हैं. सरकार को आज अपना जवाब कोर्ट में दाखिल करना था लेकिन कुछ मोहलत की मांग की गई.
Loan moratorium case in Supreme Court Loan: Senior advocate, Rajeev Dutta, appearing for a set of borrowers, told the Court that compound interest is still being charged in loan cases. Where is the relief? Loans being restructured, that should have been done earlier. #COVID19
— ANI (@ANI) September 10, 2020
एएनआई के मुताबिक, याचिकाकर्ताओं के वकील राजीव दत्ता ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लाखों लोग अस्पताल में हैं. लाखों लोगों के आय का साधन खत्म हो गया है. केंद्र सरकार को अपना रुख साफ करना होगा कि वह ईएमआई के भुगतान पर छूट दे रही है या नहीं. उन्होंने कहा कि लोन की रिस्ट्रक्चरिंग से फायदा क्या हुआ. अगर ये करना ही था तो पहले क्यों नहीं किया गया.
राजीव दत्ता ने कहा कि लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज अभी भी जारी है. पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि इस फैसले से लोन लेने वालों पर दोहरी मार पड़ रही है क्योंकि उनसे चक्रवृद्धि ब्याज इंट्रस्ट लिया जा रहा है. ब्याज पर ब्याज वसूलने के लिए बैंक इसे डिफॉल्ट मान रहे हैं. यह हमारी ओर से डिफ़ॉल्ट नहीं है. सभी सेक्टर बैठ गए हैं लेकिन आरबीआई चाहता है कि बैंक कोरोना के दौरान मुनाफा कमाए.
ठोस योजना के साथ कोर्ट आएं
सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले को बार-बार टाला जा रहा है. अब इस मामले को सिर्फ एक बार टाला जा रहा है वो भी फाइनल सुनवाई के लिए. इस दौरान सब अपना जवाब दाखिल करें और मामले में ठोस योजना के साथ कोर्ट आएं. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा, उच्चतम स्तर पर विचार हो रहा है. राहत के लिए बैंकों और अन्य हितधारकों के परामर्श में दो या तीन दौर की बैठक हो चुकी है और चिंताओं की जांच की जा रही है. केंद्र ने दो हफ्ते का समय मांगा था इस पर कोर्ट ने पूछा था कि दो हफ्ते में क्या होने वाला है? आपको विभिन्न क्षेत्रों के लिए कुछ ठोस करना होगा.
बता दें कि मोरेटोरियम सुविधा खत्म होने के बाद लोगों के पास बैंकों से ईएमआई चुकाने के लिए मैसेज, फोन कॉल्स और ई-मेल्स आने शुरू हो गए हैं. इससे लोगों को अपने बैंक लोन अकाउंट को नॉन परफॉर्मिंग एसेट घोषित किए जाने का डर सता रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ग्राहकों को अंतरिम राहत दी है.
Posted By: Utpal kant
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