मैट्रिक परीक्षा देने जा रहे छात्र की हादसे में मौत, विरोध में सड़क जाम, हंगामा व आगजनी
गुरुवार को मैट्रिक का एग्जाम देने जा रहे छात्र की सड़क हादसे में घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. उसकी पहचान सिरिसिया थाना क्षेत्र के नौगांवा गांव निवासी स्व नंदकिशोर मिश्रा के पुत्र प्रदीप कुमार के रूप में की गयी है. बिहार के गया जिला के शनिचरी थाना क्षेत्र के एनएच 727 के मिश्रौली चौक […]
गुरुवार को मैट्रिक का एग्जाम देने जा रहे छात्र की सड़क हादसे में घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. उसकी पहचान सिरिसिया थाना क्षेत्र के नौगांवा गांव निवासी स्व नंदकिशोर मिश्रा के पुत्र प्रदीप कुमार के रूप में की गयी है.
बिहार के गया जिला के शनिचरी थाना क्षेत्र के एनएच 727 के मिश्रौली चौक के पास गुरुवार को मैट्रिक का एग्जाम देने जा रहे छात्र की सड़क हादसे में मौत हो गयी. उसकी पहचान सिरिसिया थाना क्षेत्र के नौगांवा गांव निवासी स्व नंदकिशोर मिश्रा के पुत्र प्रदीप कुमार के रूप में की गयी है. इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जामकर हंगामा, आगजनी व प्रदर्शन शुरू कर दिया.
मामले की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची शनिचरी पुलिस व सिरसिया ओपी थाने की पुलिस ने जाम हटाने व पब्लिक को समझाने का काफी प्रयास किया. आक्रोशित ग्रामीण वरीय अधिकारी के आने की मांग पर अड़े रहे. चार घंटे कड़ी मशक्कत के बाद घटनास्थल पर पहुंचे योगापट्टी सर्किल इंस्पेक्टर प्रभाकर पाठक के समझाने बुझाने के बाद मामला शांत हुआ. वहीं शव को पोस्टमार्टम के लिए जीएमसीएच भेजा गया.
जानकारी के अनुसार प्रदीप कुमार दो भाई और एक बहन है. एक भाई अपने परिवार के साथ बाहर रहता है. बड़ी बहन की शादी हो चुकी है. बूढी मां का इकलौता परवरिश करने वाला प्रदीप बाहर में काम के साथ पढ़ाई कर किसी तरह घर चला रहा था. मैट्रिक परीक्षा देने के लिए वह गुरुवार को सुबह आठ बजे अपने घर से निकला. मिश्रौली चौक के पास बेतिया की तरफ से आ रही बस बाइक में जोरदार टक्कर हो गयी.
घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी. सर्किल इंस्पेक्टर प्रभाकर पाठक ने बताया कि ग्रामीण मुआवजे की मांग पर अड़े हुए थे. उन्हें समझा बुझाकर जाम हटवा दिया गया है. उन्होंने बताया कि मुआवजे को लेकर कागजी प्रक्रिया शुरू की जा रही है. जल्द ही परिवार को आपदा से मिलने वाली सहयोग राशि उसे दिलाने का प्रयास किया जाएगा. मौके पर शनिचरी थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार, सिरिसिया ओपी थानाध्यक्ष मदन कुमार मांझी सहित दोनों थाने की पुलिस की भूमिका सराहनीय रही. इधर प्रदीप की मां का रो-रो कर बुरा हाल है. गांव में मातमी सन्नाटा छाया हुआ है.