पीएम मोदी ने खुद की लोकप्रियता बढ़ाई लेकिन महंगाई और बेरोजगारी से नाराज है जनता, डिटेल में जानें सर्वे रिपोर्ट
Prime Minister Narendra Modi, Bharatiya Janata Party, Amit Shah : नयी दिल्ली : अगर आज देश में आम चुनाव कराये जायें, तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) एक बार फिर देश की सत्ता पर काबिज हो जायेगी. देशवासियों को लगता है कि कोरोना महामारी, मंदी और विरोध प्रदर्शनों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेहतर तरीके से देश को संभाला है. इंडिया टूडे ग्रुप और कार्वी के संयुक्त सर्वे में यह कहा गया है.
नयी दिल्ली : अगर आज देश में आम चुनाव कराये जायें, तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) एक बार फिर देश की सत्ता पर काबिज हो जायेगी. देशवासियों को लगता है कि कोरोना महामारी, मंदी और विरोध प्रदर्शनों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेहतर तरीके से देश को संभाला है. इंडिया टूडे ग्रुप और कार्वी के संयुक्त सर्वे में यह कहा गया है.
सर्वे में शामिल हुए 19 राज्यों के लोग
यह सर्वे जनवरी 2021 में प्रकाशित किया गया है. इसके लिए 19 राज्यों के 97 संसदीय और 194 विधानसभा क्षेत्रों में किया गया है. तीन जनवरी से 13 जनवरी के बीच कुल 12232 लोगों से बातचीत के आधार पर यह सर्वे रिपोर्ट तैयार किया गया है.
कोरोना से निबटने में PM मोदी से 73 फीसदी संतुष्ट
‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वे के मुताबिक, 73 फीसदी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना महामारी से निबटने के तरीके से संतुष्ट हैं. सर्वे में 23 फीसदी देशवासियों ने प्रदर्शन को शानदार बताया, जबकि 50 फीसदी ने बेहतर माना.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 74 फीसदी लोगों ने किया पसंद
सर्वेक्षण के मुताबिक, सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 74 फीसदी लोगों ने पसंद किया है. इसमें 30 फीसदी ने शानदार और 44 फीसदी ने बेहतर माना है. यह अगस्त 2020 में कराये गये सर्वे में मिले 78 फीसदी के मुकाबले मामूली अंतर है. नये सर्वे में 66 फीसदी लोग एनडीए सरकार के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं.
अमित शाह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करनेवाले मंत्री
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 39 फीसदी के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करनेवाले मंत्रियों की सूची में सबसे ऊपर हैं. ‘मूड ऑफ द नेशन’ के मुताबिक, रक्षामंत्री को 14 फीसदी और परिवहन मंत्री को 10 फीसदी लोगों ने पसंद किया है.
केंद्र सरकार की उपलब्धियां
राम मंदिर का फैसला (27 फीसदी) सरकार की उपलब्धियों में सबसे ऊपर है. सरकार की अन्य उपलब्धियों में अनुच्छेद 370 निरस्तीकरण को 20 फीसदी, कोविड-19 से निबटने को 15 फीसदी, मेक इन इंडिया अभियान को 9 फीसदी और कालेधन की रोकथाम को 8 फीसदी लोगों ने पसंद किया है.
मोदी सरकार की विफलता
सरकार की विफलताओं की सूची में बेरोजगारी को 29 फीसदी के साथ सबसे ऊपर है. सर्वे के मुताबिक, इसके बाद सूची में मूल्यवृद्धि को 13 फीसदी, नोटबंदी को 10 फीसदी, किसान संकट को नौ फीसदी और कोविड-19 से निबटने को 8 फीसदी लोगों ने मत दिया है.
देश के बड़े मुद्दे
सबसे बड़े मुद्दे में 24 फीसदी के साथ कोविड-19 सबसे ऊपर है. इसके बाद बेरोजगारी 23 फीसदी, मूल्यवृद्धि को 9 फीसदी, किसान संकट को 7 फीसदी और भ्रष्टाचार को 7 फीसदी लोगों ने मत दिया है.
आज चुनाव होने पर बीजेपी पहली पसंद
अगर आज चुनाव कराये जायें तो भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार बनेगी. ‘मूड ऑफ द नेशन’ के नतीजों के मुताबिक, बीजेपी 291 सीटों पर जीत दर्ज करेगी. यह अगस्त 2020 में कराये गये ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वे से आठ सीट अधिक है. मालूम हो कि साल 2019 के लोकसभा में बीजेपी को 303 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, कांग्रेस की सीटों में ज्यादा बदलाव नहीं आया था. अन्य की सीटों की टैली में अगस्त में 211 के मुकाबले अभी वर्तमान में 201 सीटें मिलने की उम्मीद है.
आज चुनाव होने पर बीजेपी को 321 सीटें मिलने की संभावना
‘मूड ऑफ द नेशन’ के नतीजों के मुताबिक, अगस्त में कराये गये सर्वेक्षण में 316 सीटें मिलने की उम्मीद के मुकाबले अब 321 सीटें मिलने की संभावना जतायी गयी है. मालूम हो कि एनडीए ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 323 सीटें जीती थीं. यूपीए के रुझान में ज्यादा बदलाव नहीं आया है. अगस्त में 134 सीटें मिलने की संभावना के मुकाबले 129 सीटें मिलने की उम्मीद है.
वोट शेयर बढ़ कर 43 फीसदी मिलने की उम्मीद
एनडीए के वोट शेयर में अगस्त के सर्वे में मिले 42 फीसदी के मुकाबले 43 फीसदी वोट मिलने की संभावना है. मालूम हो कि 2019 के लोकसभा चुनाव में 45 फीसदी वोट मिले थे. अन्य पार्टियों के वोट शेयर में अगस्त में मिले 31 फीसदी के मुकाबले 30 फीसदी वोट शेयर की उम्मीद है. 2019 के लोकसभा चुनाव में अन्य को कुल 28 फीसदी वोट मिले थे.
कोरोना महामारी से निबटने में राज्य सरकारों से 70 फीसदी लोग संतुष्ट
‘मूड ऑफ द नेशन’ के नतीजों के मुताबिक, 70 फीसदी लोग कोरोना महामारी से निबटने में राज्य सरकारों से संतुष्ट हैं. उत्तरदाताओं में से 20 फीसदी ने राज्य सरकारों को उत्कृष्ट और 50 फीसदी ने बेहतर माना. वहीं, 76 फीसदी मरीज अस्पतालों में इलाज से संतुष्ट थे.