भारत में लगातार आ रहे भूकंप को भू-वैज्ञानिकों ने चिंता का कारण बताया, जानें क्या है ‘फोरशॉक’ एवं ‘स्वार्म’

भारत के विभिन्न भागों में हाल ही में आये भूकंप, ‘फोरशॉक’ और ‘स्वार्म’ का नतीजा थे. भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (जीआईएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने चेताया कि उपमहाद्वीप में लगातार आने वाले कम तीव्रता के भूकंप के झटके चिंता का विषय हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2020 9:23 PM

कोलकाता : भारत के विभिन्न भागों में हाल ही में आये भूकंप, ‘फोरशॉक’ और ‘स्वार्म’ का नतीजा थे. भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (जीआईएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने चेताया कि उपमहाद्वीप में लगातार आने वाले कम तीव्रता के भूकंप के झटके चिंता का विषय हैं.

जीएसआई के उप महानिदेशक डॉ संदीप सोम ने यह भी कहा कि फोरशॉक और स्वार्म गतिविधियों से यह पता चलता है कि भूमि के नीचे प्लेटों के सरकने से तनाव घटता-बढ़ता रहा है और इनके विस्तृत अध्ययन से हमें किसी बड़े भूकंप का पूर्वानुमान लगाने में सहायता मिल सकती है.

भूविज्ञान की भाषा में ‘फोरशॉक’ का अर्थ है, भूकंप से पहले आने वाले कम तीव्रता के झटके और लगातार आने वाले झटकों को ‘स्वार्म’ कहते हैं. डॉ सोम ने रविवार को कहा, ‘यह कम तीव्रता वाले भूकंप के झटके मुख्य रूप से हिमालय के उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों में आ रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि यह दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, पश्चिमी गुजरात और पश्चिमी महाराष्ट्र के क्षेत्र हैं, जिनका वर्गीकरण भूकंप प्रभावित जोन चार और पांच में किया गया है. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी इन क्षेत्रों में कम तीव्रता वाले भूकंप दर्ज किये गये हैं.

Also Read: अधीर रंजन चौधरी ने फिर की रिया चक्रवर्ती को रिहा करने की मांग, कही ये बात

जीएसआई के वैज्ञानिक के अनुसार, हिमालय के उत्तर-पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी भागों में प्लेटों के टकराने के स्थानों पर भूकंप आते हैं. यह भारतीय और यूरेशियाई प्लेटों के टकराने का क्षेत्र है. लगातार आने वाले भूकंप का कारण समझाते हुए भूवैज्ञानिक ने कहा कि कोई भी भूकंप उस क्षेत्र में भूगर्भीय प्लेटों के बीच घटते-बढ़ते तनाव पर निर्भर करता है.

30 जलाशयों के कारण बढ़ रहा है तनाव

डॉ सोम ने कहा कि भारतीय और यूरेशियाई भू-गर्भीय प्लेटों के टकराने के कारण तनाव के घटने-बढ़ने के क्षेत्र बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्लेटों के लगातार सरकने से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है और पश्चिमी घाट के क्षेत्र में 30 से अधिक जलाशय होने के कारण दबाव के साथ तनाव भी बढ़ता जा रहा है. इसलिए भूकंप आ रहे हैं.

Also Read: हाथरस मामले पर ममता ने की रैली, तो भाजपा ने किया पलटवार, कहा : बंगाल में ममता राज में महिलाओं पर हुए अत्याचार

उन्होंने कहा कि संयोग से जीएसआई ने देशभर में 30 स्थायी जीपीएस स्टेशन स्थापित किये हैं, जिनसे भू-गर्भीय प्लेटों के सरकने पर निगरानी रखी जा सकती है और संभावित भूकंप के क्षेत्रों को चिह्नित किया जा सकता है. डॉ सोम ने कहा कि इस दिशा में कार्य प्रगति पर है और इसका पहला चरण शीघ्र ही पूरा होगा.

Posted By : Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version