Russia-Ukraine War Updates: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 43वें दिन में प्रवेश कर गया है. यूक्रेन के कई शहरों में अब भी हवाई अलर्ट सुनाई पड़ रहे हैं. रूस यूक्रेन के पूर्वी हिस्से डोनबास पर हमले तेज करने की तैयारी कर रहा है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस को मानवाधिकार परिषद से निष्कासित करने का काम किया है. इस प्रस्ताव के पक्ष में 93 देशों ने वोटिंग की, वहीं 24 देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया. भारत समेत 58 देशों ने मतदान से दूरी बना ली.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने माना है कि यूक्रेन में जारी युद्ध में रूस को ‘खासा नुकसान’ पहुंचा है. हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया कि मॉस्को ने कीव में ‘युद्ध अपराध’ किया है. पेसकोव ने कहा है कि हम नकली और झूठ के दिनों में जी रहे हैं. हम इस बात से इनकार करते हैं कि बुचा की सड़कों पर जो नजर आ रहा है उसमें रूसी सेना का कोई हाथ है. आपको बता दें कि इससे पहले रूसी रक्षा मंत्रालय ने बुचा में मिले शव को लेकर कहा था कि यूक्रेनी सरकार फर्जी कहानी बना रही है.
खबरों की मानें तो रूस यूक्रेन के पूर्वी हिस्से डोनबास पर हमले तेज करने का प्लान तैयार कर रहा है. यूक्रेन के अधिकारियों ने क्षेत्र के लोगों से जल्द जल्द वहां से निकल जाने को कहा है. बुधवार देर रात अपने संबोधन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने देश के नागरिकों को आगाह किया कि क्रेमलिन का लक्ष्य डोनबास को मुक्त कराना है. जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन भी लड़ाई के लिए तैयारी कर रहा है. उन्होंने कहा, हम लड़ेंगे और हम पीछे नहीं हटेंगे. एक अमेरिकी अधिकारी ने भी कहा कि रूस ने उत्तर में कीव और चेर्नीहीव से अपने सैनिकों को हटा लिया है और उन्हें बेलारूस या रूस भेज रहा है ताकि उन्हें फिर से संगठित करके पूर्वी क्षेत्र में लड़ने के लिए भेजा जा सके.
इधर, यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने नाटो से उनके युद्धग्रस्त देश को रूस से लड़ने के लिए और हथियार मुहैया कराने का अनुरोध किया, ताकि बुचा शहर में हाल में हुए अत्याचार जैसी घटनाओं को रोका जा सके. नाटो ने संगठन के तौर पर यूक्रेन में सैनिकों अथवा पुलिस को भेजने से इनकार किया है, लेकिन टैंक रोधी हथियार, अन्य साजो सामान और चिकित्सा से जुड़ा सामान भेज यूक्रेन भेज रहे हैं.
युद्ध के बीच यूक्रेन के एक बच्चे का जिक्र पूरी दुनिया में हो रहा है जो रूसी हमले के बीच 1100 किलोमीटर का सफर तय कर स्लोवाकिया पहुंचा है. बच्चे की उम्र 11 साल की बतायी जा रही है. खबरों की मानें तो ट्रेन से अकेले सफर तय कर रहे इस बच्चे के पास एक प्लास्टिक बैग, पासपोर्ट और हाथ पर लिखा स्लोवाकिया का एक मोबाइल नंबर मौजूद था. सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हो रही है जिसपर लोग लगातार प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
बच्चा यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट वाले जपोरिझिया इलाके का बताया जा रहा है. बच्चे की मां अपनी बूढ़ी मां के साथ रहती है, इस वजह से वह बच्चे के साथ नहीं जा पायी. जब ये बच्चा स्लोवाकिया पहुंचा, तो गार्ड चकित रह गये. बच्चे के हाथ पर लिखे नंबर पर फोन कर गार्ड्स ने स्लोवालकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा में रह रहे उसके रिश्तेदारों को बुलाया और उसे सौंप दिया. बच्चे की मां ने स्लोवाकिया सरकार का शुक्रिया अदा किया है. स्लोवाकिया ने बच्चे की तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट की है और बच्चे को निडर और जुनून से भरा बताया है.
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Posted By : Amitabh Kumar