घोषणा के 20 दिनों बाद भी चालू नहीं हो सका सहरसा बस स्टैंड, जानें कितना बचा है काम
सहरसा : 21 अगस्त को डीएम ने अन्य अधिकारियों के साथ सुपर बाजार स्थित निर्माणाधीन बस पड़ाव का जायजा लेते 15 दिनों के अंदर इस बस स्टैंड को चालू करने का निर्देश दिया था. यह तय हुआ था कि एक मुख्य द्वार और स्टैंड को जोड़ने वाली मुख्य सड़क बनाकर सुपौल, दरभंगा, मधुबनी व पटना की ओर जाने वाली बसों का परिचालन यहीं से होगा.
सहरसा : 21 अगस्त को डीएम ने अन्य अधिकारियों के साथ सुपर बाजार स्थित निर्माणाधीन बस पड़ाव का जायजा लेते 15 दिनों के अंदर इस बस स्टैंड को चालू करने का निर्देश दिया था. यह तय हुआ था कि एक मुख्य द्वार और स्टैंड को जोड़ने वाली मुख्य सड़क बनाकर सुपौल, दरभंगा, मधुबनी व पटना की ओर जाने वाली बसों का परिचालन यहीं से होगा. इस दौरान संवेदक ने कहा था कि यात्रियों की सभी मूलभूत आवश्कताओं को उपलब्ध करा इसे चालू कर दिया जायेगा, लेकिन 15 की बजाय 20 दिन हो चुके हैं. अब तक सिर्फ पिछले हिस्से के जर्जर भवनों को ही तोड़ा जा सका है. न तो मुख्य द्वार का निर्माण हुआ है और न ही बस स्टैंड को जोड़ने वाली मुख्य सड़क ही बन सकी है. यात्रियों की सुविधा के लिए टर्मिनल में न तो कुर्सियां लगी है और न ही कहीं लाइट या फिर पीने के पानी की ही व्यवस्था हुई है. शौचालय व यूरिनल को भी उपयोग करने लायक नहीं बनाया जा सका है.
3 करोड़ 63 लाख की राशि से बन रहा बस टर्मिनल
तीन वर्षों में सुपर बाजार के निकट स्थित सरकारी बस स्टैंड का निर्माण पूरा नहीं हो सका है. तीन करोड़ 63 लाख रुपये से इस योजना का कार्य बुडको करा रहा है. तीन वर्षों में अब तक यात्री शेड, बस प्लेटफॉर्म और शौचालय व यूरिनल का निर्माण पूरा हो सका है. बुडको को पूरे बस पड़ाव परिसर में बिजली और पेयजल की व्यवस्था अलावे मुख्य द्वार व बस स्टैंड को जोड़ने वाली मुख्य सड़क का निर्माण करना बाकी है. प्राइवेट बसों को भी इसी सरकारी बस पड़ाव से खोलने की योजना है. तीन वर्षों में अब तक अलग-अलग डीएम इसका निरीक्षण कर इसे शीघ्र पूरा कर चालू कराने का निर्देश दे चुके हैं, लेकिन हर बार नयी तिथि के लिए इसका शुरू होना टाल दिया जाता है. हालांकि बुडको इसके लिए बार-बार मांगे जाने के बाद भी सरकार द्वारा राशि नहीं दिये जाने की बात कहता है.
शिफ्ट होने से जाम से मिलेगी निजात
गंगजला स्थित रेलवे की जमीन पर वर्तमान बस पड़ाव के सुपर मार्केट स्थित सरकारी बस टर्मिनल में शिफ्ट हो जाने से गंगजला, पंचवटी, प्रशांत रोड सहित अन्य मार्गों में लगने वाले जाम व महाजाम से राहत मिल सकेगी. बसों के आवागमन से गंगजला से लेकर पंचवटी और थाना चौक तक लगभग हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है. रेलवे के फाटक बंद होने के समय जब वहां दोनों ओर से दो-चार बस खड़ी होती है तो समस्या और भी विकराल हो जाती है. हर हमेशा बड़ी दुर्घटना की भी संभावना बनी रहती है, लेकिन तीन वर्षों में भी बस पड़ाव का पूरा नहीं हो पाना शहरी समस्याओं के प्रति सरकारी व प्रशासनिक लापरवाही ही है.
कहते हैं अधिकारी
मामले में बुडको के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि पैसे की कमी के कारण बस स्टैंड का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है. वे अपने स्तर से विभाग को राशि के लिए लिखे हैं. राशि उपलब्ध होते ही निर्माण किया जाना संभव हो सकेगा. वैसे कांट्रेक्टर पर दबाव बनाया जा रहा है.
कहते हैं नप अधिकारी
वहीं नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रभात रंजन ने बताया कि डीएम के निर्देश पर नये बस स्टैंड के अंदर जर्जर भवन को तोड दिया गया है. मलवा हटाने का कार्य अंतिम चरण में है. जबकि बचा निर्माण कार्य बुडको को पूरा करना है.
posted by ashish jha