सोमवार पूजा(Somvar Puja): हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. माना जाता है सोमवार के दिन भगवान शिव की आराधना करने से मन चाहा फल मिलता है.
नारद पुराण के अनुसार, सोमवार के दिन शिव भक्तों को प्रातः काल स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए.इसके बाद भगवान शिव और पार्वती को स्मरण करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए.व्रत का संकल्प लेने के बाद शिवजी को जल और बेलपत्र चढ़ाएं और भगवान शिव के साथ संपूर्ण शिव परिवार की पूजा करें.पूजा करने के बाद कथा सुनें और आरती करने के बाद घर के सदस्यों में प्रसाद बांटें.
हिंदू वेद और पुराणों के अनुसार, सोमवार के दिन जो भक्त शिव शंभू की पूजा करता है वह हर प्रकार की समस्याओं से दूर रहता है.शिवजी की उपासना करने से घर में माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है.आर्थिक समस्याओं से भी शिव के भक्तों को छुटकारा मिलता है.
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार सोमवार व्रत के तीन प्रकार हैं.सोमवार, सोलह सोमवार, सौभ्य प्रदोष.परंतु व्रत को श्रावण मास में आरंभ करना शुभ माना जाता है.व्रत सोमवार सूर्योदय से प्रारंभ होकर तीसरे पहर तक रखा जाता है.कुछ भक्त सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला रहते हैं.कुछ फलाहार करते हैं तो कुछ नमक रहित भोजन.सोमवार व्रत की कथा सुनी जाती है, आरती व प्रसाद वितरण किया जाता है.गौरक्षणी की इंदु देवी कहती हैं विगत 25 वर्षो से सोमवारी व्रत रख रही हैं.इससे शिव की कृपा बनी रहती है.कालीस्थान के ओमप्रकाश सिंह कहते हैं सोमवारी व्रत से नयी उर्जा व शक्ति मिलती है.
मान्यताओं अनुसार सावन सोमवार व्रत रखने से विवाह में आ रही समस्या दूर हो जाती है.साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.शनि देव भगवान शिव के प्रिय शिष्य माने जाते हैं ऐसी मान्यता है कि सावन के सोमवार को व्रत रखने से भगवान शंकर के साथ-साथ शनिदेव भी प्रसन्न हो जाते हैं.चंद्र दोष से मुक्ति के लिए भी सावन सोमवार व्रत का महत्व बताया जाता है.यदि कुंडली में ग्रहण दोष या सर्प दोष है तो भी इस व्रत से लाभ प्राप्त होता है.