शेरघाटी : प्रखंड मुख्यालय को चांपी पंचायत से जोड़ने वाले मुख्य मार्ग के बीच बुढ़िया नदी में चापी समदा व रानीचक गांव के युवाओं ने बुधवार को चंदा इकट्ठा व श्रमदान कर होम पाइप व ईंट पत्थर के रोड़े लगा कर रास्ता बनाया.
युवाओं ने कहा कि वर्षाकाल के अंतिम समय में तेज बारिश होने के कारण नदी की जलधारा अचानक बढ़ गयी है. इसके कारण इस पथ से ई-रिक्शा, बाइक, साइकिल आदि पार करना मुश्किल हो गया है.
ग्रामीण युवाओं ने बताया कि पूरे बरसात मौसम में नदी पार दक्षिण क्षेत्र में बसे चांपी, रानीचक, समदा, जमुआन, नीमा आदि गांव के लोगों को आवागमन में काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है. युवाओं ने बताया कि क्षेत्र के दर्जनों ग्रामीण युवा रिक्शा चला कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं.
परिवार का खर्च इस कोरोना काल में ई-रिक्शा चला कर पूरा कर रहे हैं. ऐसे में नदी की जलधारा बढ़ जाने से ई-रिक्शा का परिचालन बाधित हो गया है. ई-रिक्शा शेरघाटी बाजार से गांव में नहीं जा पा रहा है. साथ ही क्षेत्र के छात्र-छात्राओं, ग्रामीण किसानों जो प्रतिदिन गांव से बाजार सब्जी व अन्य सामान की क्रय विक्रय करने आते-जाते हैं, उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
स्थानीय मुखिया से लेकर जनता के रहनुमा कहलाने वाले जनप्रतिनिधियों तक जलधारा के बीच पाइप डाल कर रास्ता बनाने की गुहार कई दिनों से लगा रहे थे. जब किसी ने ग्रामीणों की आवाज नहीं सुनी, तो आखिरकार क्षेत्र के युवाओं ने खुद चंदा कर होम पाइप लाकर श्रमदान से नदी में रास्ता को पार करने लायक बनाया. इसी सोच के तहत बुधवार को युवाओं ने श्रमदान से बुढ़िया नदी में पार करने लायक सड़क बना कर अपने मजबूत इरादों का परिचय दिया.
Posted by Ashish Jha