उत्तरी छोटानगापुर का प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग है. लेकिन हजारीबाग शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और शहर में बड़े गाड़ियों के प्रवेश की समय सीमा का कोई पालन नहीं होता है. शहर में 24 घंटे बड़े-बड़े वाहनों का प्रवेश बिना रोक टेक के हर दिन हो रहा है. शहर में 30 से अधिक स्कूल सड़क के किनारे है.
लेकिन स्कूल समय में भी ट्रक, बस, 12 चक्का, टेलर, हाइवा सैकड़ों की संख्या में काफी स्पीड से शहर में आवागमन करते हैं. बड़े वाहन का प्रवेश विनोबा भावे विश्वविद्यालय, संत कोलंबा कॉलेज, अन्नदा कॉलेज, मार्खम कॉलेज, केबी महिला कॉलेज, संत जेवियर्स स्कूल, कार्मेल स्कूल, डीपीएस स्कूल, एंजिल्स स्कूल, विवेकानंद स्कूल समेत सभी छोटे-बड़े स्कूल के सामने से वाहन गुजरते हैं.
शहर में लगातार बड़े वाहनों के प्रवेश से दुर्घटनाएं घट रही है. पिछले दिनों जिला परिषद चौक में एक छात्रा की मौत हुई थी. कार्मेल स्कूल चौक के समीप एक छात्रा की मौत हुई थी. मेन रोड खिरगांव के पास एक छात्र की मौत हुई थी. लगातार बड़े वाहनों से दुर्घटनाएं शहर में घट रही है. इसके बावजूद जनप्रतिनिधियों की प्राथमिकता में यह मुद्दा कभी नहीं रहा है.
कोई राज नेता इन मुद्दों को लेकर मंत्री, मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री तक जाकर फरियाद नहीं लगाये हैं. यहां तक की डीसी, एसपी स्तर पर भी जोरदार तरीके से इन मांगों को कभी नहीं रखा गया है. मासूम व स्कूली छात्र-छात्राएं लगातार दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. लेकिन ट्रैफिक नियम का उल्लंघन पर जनप्रतिनिधि कभी नहीं आवाज उठाते हैं. जिस तरह से आंदोलन होना चाहिए.
घटना होने पर कोरम पूरा जरूर होता है. सड़कों के किनारे अतिक्रमण, जिससे दुर्घटनाएं घट रही है. इन अतिक्रमण को हटाने के लिए कभी आवाज नहीं उठती है. राजनीतिक संरक्षण जरूर दिया जाता है. हजारीबाग शहर के मेन रोड में जहां लगातार दुर्घटनाएं होती है वहां राजनीतिक संरक्षण के कारण अतिक्रमण कभी नहीं मुकम्मल हट पाते हैं. शहर में हर प्रभावशाली लोगों के बड़े वाहन किसी भी समय प्रवेश कर सकते हैं. कोई रोकनेवाला नहीं है.