पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले के भातार थाना इलाके के बामुनाडा ग्राम पंचायत इलाके के सेरुआ ग्राम में प्रधानमंत्री आवास योजना का सर्वे करने के बाद तालिका से करीब 100 से ज्यादा ग्रामीणों का नाम काटने पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. ग्रामीणों ने बुधवार को दो आशाकर्मियों को एक कमरे में बंधक बना कर विरोध जताया. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची व उन्हें लोगों के चंगुल से मुक्त कराया. जानकारी के मुताबिक इस गांव के 320 लोगों ने आवास योजना के तहत आवेदन किया था. सर्वे के लिए आशाकर्मियों को भेजा गया था.
Also Read: Christmas 2022: क्रिसमस के रंग में रंगा बोकारो, स्कूल सहित जगह-जगह हो रहे कार्यक्रम का आयोजन
आशाकर्मियों ने सर्वे के तहत देखा कि करीब 120 लोगों के पास अपना मकान है. रिपोर्ट मिलने पर प्रशासन ने इनका नाम सूची से हटा दिया. जब लोगों को इसकी खबर मिली तो आशा कर्मी माधवी गड़ाई और अर्चना मालिक को पकड़ कर एक मकान में बंधक बना दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि सूची में नाम रखने के लिए आशाकर्मियों ने रुपये की मांग की थी. रुपये नहीं देने पर उनका नाम कटवा दिया. हालांकि आशाकर्मियों ने आरोपों को बेबुनियाद बताया. उनका कहना था कि सर्वे में जो बात सामने आयी थी, वही रिपोर्ट प्रशासन को दी थी.
Also Read: West Bengal News : अमित शाह और ममता के बीच हुई अलग से बैठक, जाने क्या हुई खास बात
आशा कर्मियों ने ग्रामीण द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि जो हम लोगों को सर्वे करने को मिला था हम लोगों ने सर्वे कर प्रशासन को सौंपा है .आतंकित दोनों आशा कर्मियों ने बताया कि अब वे लोग सर्वे का काम नहीं करेंगी. पुलिस मामले को लेकर तहकीकात कर रही है. दोनों आशा कर्मियों में आतंक का माहौल देखा जा रहा है .बताया जाता है कि करीब 2 घंटे तक दोनों आशा कर्मियों को बंधक बनाकर ग्रामीणों ने रखा था.
Also Read: बीरभूम में इस्कॉन मंदिर और सेंटर आग की घटना को अंजाम देने वाले 3 आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
रिपोर्ट : मुकेश तिवारी पानागढ़