पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले के मंगलकोट ब्लॉक के भालग्राम ग्राम पंचायत के दो पंचायत सदस्यों ने राज्य सरकार की ग्राम विकास योजना के तहत आवंटित 42 लाख रुपये के 13 ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य को लेकर निकाले गये टेंडर में कटमनी लेने काआरोप ठेकेदारों व उपप्रधान ने लगाया है. इनका आरोप है कि दो पंचायत सदस्यों ने 10 फीसदी कटमनी देने की मांग की है. यह भी आरोप लगाया गया है कि इसका विरोध करने पर आरोपी पंचायत सदस्यों ने गन प्वाइंट पर उपप्रधान को घर से जबरन लाकर टेंडर के कागजात पर हस्ताक्षर करवाया है. इस घटना के प्रकाश में आने के बाद जिला तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष रवींद्र नाथ चटर्जी को लिखित रूप से ठेकेदारों तथा बारह पंचायत सदस्यों ने शिकायत की है.
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उपप्रधान ने भी जिला नेतृत्व को इस मामले से अवगत कराया है. अपने साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर भी शिकायत की है. उपप्रधान दोलन सातरा माझी ने बताया कि बोर्ड मीटिंग में टेंडर को लेकर पंचायत सदस्य प्रदीप चटराज के लोगों ने मुझे जबरन घर से गन प्वाइंट पर उठा कर बाइक से पंचायत कार्यालय लाकर हस्ताक्षर कराया है. दूसरी ओर पंचायत सदस्य शेख अब्दुल रहीम ने आरोप लगाया कि गत 19 सितंबर को 42 लाख रुपये के टेंडर के लिए बोर्ड मीटिंग बुलायी गयी थी. बैठक में 17 पंचायत सदस्य मौजूद थे. दस प्रतिशत कटमनी का 12 सदस्यों ने विरोध किया था. उस समय सभी को दस सफेद पेज पर और संचालकों को 27 सफेदह पेज पर हस्ताक्षर करने को कहा गया था. इसका विरोध करने पर उपप्रधान को गन प्वाइंट पर उनके घर से जबरन उठाकर लाकर हस्ताक्षर कराया गया.
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पंचायत सदस्य शेख अब्दुल रहीम ने कहा कि इस कमीशनखोरी में मुख्य रूप से पंचायत सदस्य प्रदीप चटराज और अब्दुल अजीम सिद्दिकी उर्फ रानू मास्टर शामिल हैं. इनके साथ और तीन सदस्य शामिल हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 से यहां प्रत्येक टेंडर में दस प्रतिशत अग्रिम कटमनी ली जा रही है. मामले को लेकर प्रधान पार्वती घोष ने मीडिया के समक्ष स्वीकार किया है कि वह नाममात्र की प्रधान है. पंचायत का समस्त कार्य पंचायत सदस्य प्रदीप चटराज, रुनू मास्टर समेत पांच पंचायत सदस्य देखते हैं. प्रत्येक टेंडर के पूर्व ही दस प्रतिशत अग्रिम कमीशन ठेकेदारों से ले लिया जाता है. दस प्रतिशत में मुझे केवल 0.5 प्रतिशत दिया जाता है. बाकी पैसे का क्या होता है, किसके पास जाता है, यह प्रदीप को जानकारी है. उनका आरोप है कि मंगलकोट के विधायक ने प्रदीप को यह दायित्व दिया था.
वर्ष 2018 से यह खेल चल रहा है. प्रधान ने कहा कि ढेड़ प्रतिशत कमीशन प्रदीप चटराज लेता था. बाकी रुपये किसे दिये जाते थे, मुझे नहीं पता है. वित्त वर्ष 2020 -21 में 42 लाख रुपये का टेंडर निकला था. पंचायत के तहत कुल 24 ठेकेदार नामांकित हैं. प्रत्येक ठेकेदार से 20 से 27 हजार रुपए कटमनी लिये गये. मामले को लेकर पंचायत सदस्य अब्दुल अजीम सिद्दिकी उर्फ रुनु मास्टर का कहना है कि जो आरोप लगाया जा रहा है, यह गलत है. मैं स्कूल का हेडमास्टर हूं. मैं यह सब नहीं करता. सभी आरोप झूठे हैं. जिलाध्यक्ष रवींद्रनाथ चटर्जी ने कहा है कि मामले की जानकारी मिली है. घटना को लेकर जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. क्योंकि मुख्यमंत्री का साफ निर्देश है कि कटमनी लेनेवालों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
रिपोर्ट : मुकेश तिवारी पानागढ़