पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के सिउड़ी थाना क्षेत्र विवेकानंद रोड स्थित सिउड़ी सहकारी बैंक में केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी ने जांच के दौरान गुरुवार को 177 फर्जी बैंक अकाउंट का पर्दाफाश किया था. इस मामले की पड़ताल करने पर फर्जी बैंक अकाउंट को लेकर सिउड़ी दो नंबर ब्लॉक के हरिपुर ग्राम निवासी ममता मिद्धा और सुंदरी बास्की ने बताया की उन्हें तो पता भी नही है की उनके नाम पर सिउड़ी समवाय बैंक में अकाउंट भी है. सुंदरी का आरोप है की वह पढ़ना लिखना भी नहीं जानती. उसका किसी बैंक में कोई अकाउंट भी नही है. किसने उक्त अकाउंट खोला है, उसे नही पता. वही ममता मिद्धा ने भी बताया की उक्त बैंक में उसने कोई अकाउंट ही नहीं खोला है .उनके घर के पास ही एक बैंक में उनका एक अकाउंट है. किसने उक्त अकाउंट खोला और करोड़ों करोड़ों रूपयो का ट्रांजैक्शन किया उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है. बताया जाता है की अब सीबीआई इन सब फर्जी नाम से खोले गए अकाउंट को लेकर जांच पड़ताल में जुट गई है.
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सीबीआई को गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली थी कि बैंक में कुछ ऐसे खाते हैं जिनके मालिक वास्तव में मौजूद ही नहीं हैं. पता चला है कि इस बैंक में करीब 177 फर्जी खाते खोले गए हैं. छापेमारी के बाद जब सीबीआई अधिकारियों ने बैंक अधिकारियों से पूछताछ शुरू की तो उनके बयानों में कई तरह की विसंगतियां देखने को मिलीं. वे सीबीआई की किसी भी तरह की मदद करने को तैयार नहीं थे. बाद में जब सीबीआई ने इन सभी को गिरफ्तार करने की धमकी दी तो वे डर गए और उन खातों के दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए. इस जांच के प्रमुख सुशांत भट्टाचार्य हैं.
बीरभूम जिला सहकारी बैंक का कारनामा गौ तस्करी के मामले की जांच के हित में सामने आया है. सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में कुल तीन सदस्यों ने बैंक में धावा बोल दिया था. पहले चरण में उन्हें 177 फर्जी खाते मिले है. करीब तीन घंटे की तलाश के बाद सनसनीखेज जानकारी सामने आई.उन 177 खातों पर केवल एक व्यक्ति के हस्ताक्षर हैं. और ऐसा लगता है कि इन खातों से अनुब्रत मंडल के साथ है.
इन खातों से अब तक करीब 10 करोड़ रुपये ट्रांजैक्शन हो चुके हैं. सीबीआई के अधिकारी खाते के सभी दस्तावेज एकत्र करने के बाद शाम करीब साढ़े छह बजे सहकारी बैंक से निकले थे. हालांकि, सीबीआई अधिकारियों ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि वास्तव में इन खातों पर किसके हस्ताक्षर हैं. हालांकि, यह ज्ञात है कि इस खाते के साथ राज्य खाद्य विभाग का घनिष्ठ संबंध है.माना जाता है कि इन खातों का इस्तेमाल गरीब लोगों से कम कीमत पर धान खरीदकर और उसे खाद्य विभाग को ऊंचे दामों पर बेचने से जमा हुए काले धन को सफेद करने के लिए किया जाता था .खोजी सूत्रों के मुताबिक, ये खाते मुख्य रूप से 2020 से 2021 के बीच खोले गए थे.जब यांग गुरुंग नाम के शख्स को बैंक का मैनेजर नियुक्त किया गया था.
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रिपोर्ट : मुकेश तिवारी पानागढ़