पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्दवान जिले के केतुग्राम में हैवानियत का ऐसा नजारा देखने को मिला जिसकी शायद हम कल्पना भी ना कर सकें. जिस शख्स के साथ ऐसी हैवानियत हुई उसका कसूर बस इतना था कि उसने समय पर ब्याज नहीं चुकाया. पीड़ित रुदभैरब मुखोपाध्याय ने बताया कि आफिस के सहकर्मी से 1 लाख 20 हजार रुपये उधार लिया था जिसके लिये वह बाद में अधिक रुपये ब्याज के तौर पर मांगने लगा. जब रुपये वापस नहीं किये गये तो उसके सहकर्मी ने जबरन उसे पकड़ कर हाथ पैर बांधकर रेल की पटरी पर सुला दिया. इस दौरान तेज रफ्तार से आती ट्रेन की चपेट में आकर उसके पैर कट गया और दूसरे में गंभीर चोट आयी है. बर्दवान मेडिकल कॉलेज में गंभीर हालत में इलाज चल रहा है. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन की नींद उड़ गयी है और पूरे मामले की जांच शुरू हुई है.
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पीड़ित रुदभैरब ने बताया कि जब मैं कार्यालय से घर वापस आ रहा था, उस दौरान मेरे सहकर्मी और उसके एक दोस्त के रोका . फिर मुझे कुछ खाने के लिये दिया और उसके बाद क्या हुआ मुझे याद नहीं क्या हुआ.जब मुझे होश आया तो मैंने खुद को रेल की पटरी पर घायल अवस्था में पाया. पुलिस की ओर से मामले की जांच कर रही है और मिली जानकारी के आधार पर रुदभैरब के साथ कार्यरत सहकर्मी से पूछताछ कर रही है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक रुद्रभैरब मुखोपाध्याय सरकारी कर्मचारी हैं. उसने एक दोस्त से पैसे उधार लिए थे. तब यह नहीं कहा गया था कि ब्याज देना होगा. उसने मूलधन का भुगतान कर दिया. उस पैसे को चुकाने के बाद, वे दोस्त ब्याज सहित दबाव बनाने लगे. रुद्रभैरव उस ब्याज राशि का समय पर भुगतान नहीं कर सके. तभी इस घटना की योजना बनाई गई है. मामले की जांच के बाद ही खुलासा हो पाएगा. फिलहाल रुदभैरब का इलाज अस्पताल में चल रहा है.