पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता अनुब्रत मंडल को आसनसोल के दुबराजपुर अदालत में पेश किया गया. जहां से अदालत ने अनुब्रत मंडल को 7 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. गौरतलब है कि अनुब्रत मंडल पर 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले बालीगिरी पंचायत के पूर्व मुखिया शिवठाकुर मंडल को पीटने का आरोप लगा है. एक दिन पहले ही रविवार की रात अनुब्रत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जबकि पिटाई पहले की गई थी. उस मामले में मंगलवार को अनुब्रत को दुबराजपुर कोर्ट ले जाया गया. पुलिस के मुताबिक इस घटना में पूछताछ के लिए अनुब्रत मंडल को 14 दिन की हिरासत की मांग की गई थी. लेकिन कोर्ट ने पुलिस को 7 दिनों तक हिरासत में रखने का आदेश दिया है.
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भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि अनुब्रत मंडल को बचाने के लिए बंगाल सरकार जुटी हुई है. यह मामला लगभग समाप्त हो गया था, लेकिन उस मामले को सामने रखकर अनुब्रत मंडल को बंगाल सरकार बचाने की कोशिश शुरू हुई है. लेकिन बंगाल सरकार और तृणमूल कांग्रेस एकजुट होकर दिल्ली जाने से रोक नहीं सकती है. ईडी उन्हें दिल्ली ले जाने में सफल हो गयी. उन्होंने कहा कि सरकार के रवैये से साफ है कि अनुब्रत मंडल को बचाना चाहती है. जैसे ही ईडी को अनुब्रत मंडल काे दिल्ली ले जाने का निर्देश दिया गया वैसे ही यह नया मामला लाया गया है. इससे साफ पता चलता है कि अनुब्रत मंडल को दिल्ली जाने से बचाया जा रहा है.
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सोमवार को कोर्ट ने अनुब्रत मंडल के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी कर दिया. इधर, दिल्ली की अदालत द्वारा जारी प्रोडक्शन वारंट को लेकर आसनसोल जेल प्रबंधन ने कहा कि फिलहाल उनके पास इस तरह के अदालती निर्देश की कॉपी नहीं आयी है. कोर्ट के निर्देश की कॉपी मिलने पर वह निर्देश के मुताबिक कार्रवाई करेंगे. वहीं, ईडी का कहना है कि मंगलवार को आसनसोल कोर्ट में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश की कॉपी भेज दी जायेगी. इसके बाद वे अनुब्रत को आसनसोल कोर्ट से दिल्ली ले जाने की दिशा में आगे का कदम उठायेंगे. अब आज दुबराजपुर अदालत के आये फैसले के बाद अनुब्रत के दिल्ली जाने पर संशय बरकरार हो गया है.
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