पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले के कालना में मौजूद एक सौ आठ शिव मंदिर और राजबाड़ी परिसर में मंदिर इन दिनों अंधेरे में हैं. इसका मुख्य कारण चूहों का आतंक है. उन्होंने मंदिर की विद्युत लाइट्स और साउंड के तार को काट दिया है. कालना में 108 शिव मंदिर और राजबाड़ी परिसर में मंदिर अंधेरे में है. पर्यटन स्थल पर शाम होते ही अंधेरा छा जाता था. इससे मंदिर नगरी कालना के व्यापारी नाराज हैं. उनका कहना है कि सर्दियों के मौसम में गंगा किनारे बसे शहर कालना में काफी पर्यटक आते हैं, लेकिन शाम के बाद पर्यटकों की दिलचस्पी कम हो गई है, क्योंकि मुख्य मंदिर अंधेरे में हैं. इस कारण शहर का कारोबार चौपट हो गया है.
Also Read: West Bengal Breaking News LIVE : कमालगाछी के कारखाना में गैस लीक, इलाके में आतंक,मौके पर दमकल की 3 इंजन
व्यवसायियों का कहना है कि सर्दी पड़ते ही कालना शहर में पर्यटकों की आस जगने लगी थी, लेकिन अभी भी कालना के मुख्य स्थलों पर शाम होते ही अंधेरा छा जाता है. पर्यटकों में गुस्सा बढ़ रहा है क्योंकि कालना के 108 शिव मंदिरों और राजबाड़ी परिसर के अधिकांश मुख्य पर्यटक आकर्षण अंधेरे में डूबे हुए थे. प्रतापेश्वर मंदिर, लालजी मंदिर, रास मंच, 108 शिव मंदिरों जैसे पुरातात्विक स्थलों के कारण हर साल कई पर्यटक कालना आते हैं. इसलिए क्षेत्रवासियों का मानना है कि इन मंदिरों को और आकर्षक बनाने के लिए प्रशासन व नगर पालिका को पहल करने की जरूरत है.कालना नगरपालिका के अधिकारियों ने कहा कि चूहों ने राजबाड़ी परिसर के भूतल से गुजरने वाले बिजली के तार को काट दिया है. इसलिए शाम होते अंधेरा छा जाता है.
Also Read: West Bengal News : हुगली के स्कूल में बम मिलने से मचा हड़कंप, आग जलाकर लोगों ने किया प्रदर्शन
नगर पालिका से मिली जानकारी के अनुसार, पूरे सिस्टम को एक्टिवेट करने में करीब चौदह लाख रुपए खर्च होंगे. इलाके के लोगों का कहना है कि कालना इलाके को पर्यटन मानचित्र पर और आकर्षक बनाने की बात कभी-कभार होती है. तरह-तरह की योजनाएं बनायीं जाती हैं. मंदिर से सटे इलाके में होटल, स्थायी हस्तकला स्टॉल, होम स्टे बनाने की योजना भी बनायी गयी., लेकिन कुछ नहीं हुआ. ऊपर से राजबाड़ी परिसर के अंदर मंदिरों में रोशनी और दर्शन व्यवस्था बदतर हो गयी है. इधर नगरपालिका ने चूहों के आतंक को रोकने की योजना पर काम शुरू कर दिया है.
रिपोर्ट : मुकेश तिवारी पानागढ़