Cyber Crime News, Asansol news : आसनसोल (शिवशंकर ठाकुर) : आसनसोल साइबर थाना पुलिस ने पिछले 4 दिनों में ऑनलाइन ठगी करने वाले गैंग के 7 आरोपियों को 13.75 लाख रुपये ठगी के मामले में गिरफ्तार किया. इन साइबर क्राइम का जामताड़ा और धनबाद कनेक्शन भी सामने आया है. गिरफ्तार साइबर क्रिमिनल को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है.
पांडेश्वर निवासी चंदन गन के बैंक खाते से 3.39 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में जामताड़ा निवासी अशोक मंडल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वहीं, दुर्गापुर निवासी अजय कुमार बजाज का मोबाइल फोन चोरी के बाद उनके अकाउंट से 3.27 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में नियामतपुर निवासी नीरज पासवान और रामू रुईदास को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा रूपनारायणपुर निवासी दिलीप माजी के बैंक खाते से 5.59 लाख रुपये की ठगी करने के मामले में धनबाद निवासी शंभू लोहार और नियामतपुर निवासी प्रदीप रुईदास को गिरफ्तार किया.
इसके साथ ही संतोष कुमार सिंह के बैंक खाते से डेढ़ लाख रुपये की ठगी करने के मामले में चिनाकुड़ी नोनियापाड़ा निवासी आकाश नोनिया और नियामतपुर बाजार निवासी शंकर मंडल को दोबारा रिमांड पर लिया गया है. वहीं, सभी आरोपी फिलहाल पुलिस रिमांड में है. पुलिस को उम्मीद है कि रिमांड अवधि में इनसे पूछताछ के बाद ठगी के अन्य मामलों का भी खुलासा होगा और इनके अन्य साथियों की भी गिरफ्तारी होगी.
Also Read: झारखंड में साइबर क्रिमिनल ने पहली बार बनाये अंगूठे का क्लोन, खातों से उड़ाये 12 लाख
साइबर ठगी के पूरे देश में मशहूर जामताड़ा गैंग के सदस्य कुल्टी थाना क्षेत्र इलाके में आकर अपना शागिर्द तैयार कर रहे हैं. यह शागिर्द तेजी से कांड को अंजाम देने में जुटे हैं. पुलिस रिमांड में पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि जामताड़ा गैंग के सदस्य ठगी के अथाह पैसे को अय्यासी पर खर्च करने के लिए कुल्टी थाना क्षेत्र अंतर्गत नियामतपुर इलाके में आकर डेरा जमाते हैं. इस दौरान वे अपने नये शागिर्द तैयार कर रहे हैं. पिछले 4 दिनों में साइबर ठगी के मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार अधिकांश आरोपी कुल्टी थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों के हैं. इनलोगों ने भी इसबात को स्वीकार किया है कि जामताड़ा गैंग के सदस्यों से इनलोगों ने साइबर ठगी का हुनर सीखकर कांड को अंजाम दे रहे हैं.
चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) के कर्मी व चित्तरंजन निवासी के सैलरी बैंक अकाउंट से कुछ दिन पहले 2 लाख रुपये की ठगी हुई थी, जिसकी शिकायत उन्होंने साइबर थाना में दर्ज करायी थी. जिसके उपरांत उन्होंने अपना वह अकाउंट बंद कर बैंक में नये फोन नंबर के साथ नया अकाउंट खोला. अकाउंट खुलते ही 31 अक्टूबर को अकाउंट में जमा 80 हजार रुपये भी अपराधियों ने उड़ा लिये. कर्मी ने पुलिस को बताया कि उन्हें ओटीपी के लिए कोई मैसेज भी नहीं आया और ना ही कोई लिंक डाऊनलोड किया गया. इसके बावजूद उनके अकाउंट से पैसा निकाल लिये गये. इधर पुलिस के अनुसार, व्यक्ति के अकाउंट के साथ नया फोन नंबर बैंक में नहीं जोड़ा गया. पुराना नंबर ही जुड़ने के कारण यह घटना घटी है. साइबर क्रिमिनल के पास पुराना नंबर पहले से मौजूद था. उस नंबर पर मैसेज जाते ही पीड़ित के बैंक अकाउंट से पैसे उड़ा लिये गये.
Also Read: अमित शाह की बंगाल यात्रा से पहले मुर्शिदाबाद से फिर अलकायदा का संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार, भाजपा ने ममता पर साधा निशाना
पुलिस रिमांड में मौजूद नियामतपुर निवासी नीरज पासवान ने पुलिस को बताया कि वह लोगों को केवाईसी अपडेट करने के नाम पर अननोन लिंक भेजता था. लिंक पर क्लिक करते ही दूसरे व्यक्ति का मोबाइल का पूरा सिस्टम उसके पास चला जाता था, जिसके आधार पर लोगों से ठगी की जाती थी.
Posted By : Samir Ranjan.