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बंगाल : कांकसा धोबा घाटा और जाट गडिया जूनियर हाई स्कूल शिक्षक के अभाव में बंद..

पश्चिम बंगाल के कांकसा ब्लॉक के धोबा घाटा जूनियर हाईस्कूल और विदबिहार ग्राम पंचायत अधीन जाट गड़िया जूनियर हाईस्कूल शिक्षक के अभाव के कारण विगत चार वर्षो से बंद पड़ा हुआ है. स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार विद्यालयों को खुलवाने की मांग ब्लॉक प्रशासन से की.

पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले के कांकसा ब्लॉक के गोपालपुर ग्राम पंचायत अधीन धोबा घाटा जूनियर हाईस्कूल और विदबिहार ग्राम पंचायत अधीन जाट गड़िया जूनियर हाईस्कूल शिक्षक के अभाव के कारण विगत चार वर्षो से बंद पड़ा हुआ है. इन दोनों स्कूलों के बंद होने से दोनों ही स्कूल परिसर अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. शाम ढलने के बाद इन स्कूल परिसर में असामाजिक तत्व के लोग नशा करने का अपना सुरक्षित अड्डा बना लेते है. स्कूल परिसर में झाड़ियों और घास के कारण मवेशियों का यह चारागाह भी बन गया है. बच्चों को गांव के बाहर पढ़ने के लिए जाना पड़ता है.

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बंगाल : कांकसा धोबा घाटा और जाट गडिया जूनियर हाई स्कूल शिक्षक के अभाव में बंद.. 4
स्कूल के कमरों में लटक रहा है ताला 

स्कूल के कमरों में ताला झूल रहा है.दोनों ही इलाके के स्कूलों की इस दयनीय अवस्था और स्कूल बंद को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार विद्यालयों को खुलवाने की मांग ब्लॉक प्रशासन से की. लेकिन इस दिशा में अब तक कोई उपयुक्त कदम नहीं उठाया गया. स्कूलों के बंद होने से स्थानीय बालिकाओं को दूर दराज पढ़ने के लिए जाना पड़ रहा है. बताया जाता है की  राज्य सरकार के सर्व शिक्षा मिशन के तहत दोनों विद्यालयों को इलाके की बालिकाओं हेतु खोला गया था . लेकिन अस्थाई शिक्षकों के नहीं रहने के कारण दोनों ही विद्यालयों को बंद करना पड़ा.

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शिक्षकों की कमी की वजह से बंद पड़े है स्कूल 

धोबाघाट जूनियर हाईस्कूल सर्व शिक्षा मिशन के तहत वर्ष 2014 -2016 में खोला गया था. स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है की विद्यालय के खुलने के बाद से स्थानीय बालिकाओं तथा इलाके के बच्चों को काफी खुशी हुई थी. हालांकि स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से अस्थाई तौर पर कुछ शिक्षकों को नियुक्त किया गया था. लेकिन दो से तीन माह बाद ही अस्थाई शिक्षकों ने पढ़ाना बंद कर दिया जिसके बाद विद्यालय को बंद कर दिया गया.

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ब्लॉक प्रशासन से भी स्कूल खोलने की मांग की गई 

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है की विद्यालय को खोलने और स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर कई बार ब्लॉक प्रशासन तथा अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों और स्थानीय नेताओं को गुहार लगाया गया लेकिन यह विद्यालय नहीं खुला. आज विद्यालय परिसर जंगल में तब्दील हो गया है. यही हॉल जाट गडिया जूनियर हाईस्कूल की भी है. यह विद्यालय भी सर्व शिक्षा मिशन के तहत वर्ष 2013 -2014 के तहत तैयार हुआ था. वर्ष 2017 से विद्यालय में पठन-पाठन शुरू हुआ लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण स्कूल को बंद कर दिया गया. कांकसा के ये दोनों ही स्कूल में सर्व शिक्षा का टैग लाइन धूल चाट रहा है.स्थानीय ग्रामीणों का कहना है की कांकसा बीडीओ को जानकारी देने के बावजूद कोई हल नहीं हुआ .

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जाटगडिया जूनियर हाईस्कूल हेतु भूमि दान करने वाले राजू मिश्र का कहना है की उन्होंने इलाके की बालिकाओं के बीच शिक्षा के प्रसार हेतु अपनी भूमि स्कूल बनाने हेतु दान किया था. स्कूल भी बना लेकिन स्थाई तौर पर सरकार द्वारा शिक्षक नहीं मिलने के कारण स्कूल दो से तीन माह में ही बंद हो गया. अभिभावक शेख लालन का कहना है कि शिक्षकों के अभाव में स्कूल बंद हो गया है. यहां के बच्चो को दूर जाकर पढ़ना पड रहा है. अभिभावक दीपक धारा का कहना है शिक्षक नहीं रहने के कारण ही स्कूल बंद हो गया है. मजबूरन हमे अपने बच्चों को घर से दूर पढ़ने के लिए भेजना पड़ता है. यदि स्कूल चालू हो जाता तो यहां के स्थानीय बच्चे इसी स्कूल में पढ़ते.

बच्चों को भेजना पड़ता है दूर के स्कूलों में 

धोबाघाटा इलाके के ग्रामीण कृष्णेंदु दास का कहना है कि घर और गांव में स्कूल होने के बावजूद केवल शिक्षकों के अभाव के कारण स्कूल बंद रहने से बच्चों को  मजबूरन दूर के स्कूल में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है. ग्रामीण सुमन घोष का कहना है की गांव के लड़कियों को विशेष कर पढ़ाई को लेकर दिक्कत हो गया. दिव्यांग बच्चो को अब पढ़ने के लिए काफी दिक्कतों से दूर के स्कूल में जाना पड़ता है. ग्रामीण पिंटू बाउड़ी  का कहना है की शिक्षक के अभाव में स्कूल बंद होने से  यह स्कूल परिसर अब मवेशियों के चारागाह का अड्डा बन गया है. बर्दवान जिला भाजपा पार्टी उपाध्यक्ष रमन शर्मा का कहना है की कांकसा ब्लॉक में एक नही दो दो बालिका जूनियर हाईस्कूल शिक्षकों के अभाव में बंद हो गया है. केवल यही दो स्कूल नहीं जिले में और ब्लॉक में और कई स्कूल है जो शिक्षको के अभाव में बंद होते जा रहा है.

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रिपोर्ट : मुकेश तिवारी पानागढ़

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