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पश्चिम बर्दवान डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने पहली बार सुनायी उम्र कैद की सजा, दिव्यांग युवती के साथ दुष्कर्म का है मामला

Bengal news, Asansol news : पश्चिम बर्दवान डिस्टिक्ट जिला अदालत (West Burdwan District Court) ने दिव्यांग युवती के साथ दुष्कर्म मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. जिला जज कौशिक भट्टाचार्या ने आसनसोल नार्थ थाना अंतर्गत नाकटी कन्यापुर इलाके निवासी रघुनाथ बाउरी के पुत्र देबाशीष बाउरी (26 वर्ष) को उम्र कैद की सजा सुनाई. जिला अदालत में यह पहला मामला है, जहां किसी अपराध में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी. जिला जज का फैसला सुनते ही पीड़िता के परिजनों ने राहत की सांस ली. पीड़िता के मामा- मामी ने कहा कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं.

Bengal news, Asansol news : आसनसोल : पश्चिम बर्दवान डिस्टिक्ट जिला अदालत (West Burdwan District Court) ने दिव्यांग युवती के साथ दुष्कर्म मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. जिला जज कौशिक भट्टाचार्या ने आसनसोल नार्थ थाना अंतर्गत नाकटी कन्यापुर इलाके निवासी रघुनाथ बाउरी के पुत्र देबाशीष बाउरी (26 वर्ष) को उम्र कैद की सजा सुनाई. जिला अदालत में यह पहला मामला है, जहां किसी अपराध में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी. जिला जज का फैसला सुनते ही पीड़िता के परिजनों ने राहत की सांस ली. पीड़िता के मामा- मामी ने कहा कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं.

मालूम हो कि आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र के नाकटी कन्यापुर इलाके निवासी तथा शारीरिक एवं मानसिक रूप से दिव्यांग एक युवती के साथ 15 जुलाई, 2018 को नाकटी कन्यापुर प्राथमिक विद्यालय के निकट स्थित तालाब किनारे स्थानीय देबाशीष बाउरी ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया था. युवती तालाब में नहा रही थी. अकेला पाकर देबाशीष ने उसे पास की झाड़ी में ले जाकर जघन्य कार्य को अंजाम दिया. युवती अपने मामा-मामी के पास रहती थी.

घर लौटने में देरी होने पर मामी युवती को खोजने तालाब किनारे गयी. झाड़ियों में उसने देबाशीष को दुष्कर्म करते रंगे हाथ पकड़ लिया. देबाशीष वहां से भाग निकला. पीड़िता के मामा ने थाने में शिकायत दर्ज करायी. शिकायत के आधार पर आसनसोल नॉर्थ थाना कांड संख्या 187/18 में देबाशीष बाउरी को नामजद आरोपी बनाकर आईपीसी की धारा 376 के तहत मामला दर्ज हुआ.

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कांड की जांच का दायित्व कन्यापुर पुलिस फांडी के प्रभारी विप्लब दे को मिला. उसी रात उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार कर दूसरे दिन अदालत में चालान कर रिमांड पर लिया. पीड़िता की मेडिकल जांच करवाई गयी, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई. जांच अधिकारी ने मामले में 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल किया और कस्टडी ट्रॉयल की अपील की.

जिला जज अदालत में 2 वर्षों तक मामले की सुनवाई चली. जिला जज कौशिक भट्टाचार्या ने मेडिको लीगल एविडेन्स, कांड की प्रत्यक्षदर्शी (आई विटनेस) पीड़िता की मामी के बयान और पुलिस द्वारा पेश किये गये अन्य साक्ष्यों के आधार पर मामले में आरोपी को दोषी पाया. शुक्रवार को उन्होंने दोषी को आजीवन कारावास की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश जारी किया.

Posted By : Samir Ranjan.

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