भारतीय टीम जब मंगलवार को यानी आज एशिया कप के ‘करो या मरो’ के ‘सुपर फोर’ मुकाबले में श्रीलंका के सामने होगी, तो उसे अपने गेंदबाजों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की जरूरत होगी. सबकी नजर पूर्व कप्तान विराट कोहली पर होगी जिनका बल्ला पाकिस्तान के खिलाफ मैच में चला था.
चोटिल रवींद्र जडेजा, हर्षल पटेल और जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में भारत के पास गेंदबाजी विभाग में खेलाने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं हैं. भारत रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ पांच गेंदबाजी विकल्प के साथ खेला था और यह फैसला टीम के पक्ष में नहीं रहा, क्योंकि भुवनेश्वर कुमार का दिन अच्छा नहीं रहा. पाकिस्तान के खिलाफ शुरुआती मैच में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले हार्दिक पांड्या महंगे साबित हुए और ऐसा ही युजवेंद्र चहल के साथ भी हुआ, जो टूर्नामेंट में अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं दिख रहे हैं.
पाकिस्तान से मिली हार के बाद विराट कोहली ने कहा था कि उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सुपर फोर मैच में तेज रफ्तार से रन बनाने की कोशिश की लेकिन लगातार विकेट गिरने से उन्हें रणनीति बदलनी पड़ी. आपको बता दें कि कोहली ने 44 गेंद में 60 रन बनाये. उन्होंने तेज शुरूआत की लेकिन बाद में रफ्तार धीमी करनी पड़ी.
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कोहली ने पांच विकेट से मिली हार के बाद कहा था कि मैने तेज गति से रन बनाने की कोशिश की. इसके बाद हमारे विकेट गिर गये और हमें रणनीति बदलनी पड़ी क्योंकि मुझे आखिर तक टिककर बल्लेबाजी करनी थी. यदि कुछ बल्लेबाज होते तो मैं उसी रफ्तार से बल्लेबाजी करता और कुछ और चौके छक्के लगाता. लेकिन मैं उन हालात में फंस गया कि मुझे अंत तक टिके रहना था. उन्होंने कहा कि दीपक हुड्डा और मेरे बाद भुवनेश्वर कुमार और बाकी गेंदबाज ही थे. हमें हालात के अनुरूप खेलना होता है. हम अपेक्षित नतीजे तक पहुंच ही गये थे और बीच के ओवरों में रनरेट भी बेहतर हो गया था.
विराट कोहली ने कहा था कि हमें इस पर मेहनत करनी होगी. हमें इस पर मेहनत करनी होगी कि बीच के ओवरों में विकेट गिरने से रनगति पर असर नहीं पड़े. हमें 20.25 रन और बनाने चाहिये थे जिससे बड़े मैचों में काफी फर्क पड़ता है. कोहली ने शानदार आखिरी ओवर के लिये हारिस रऊफ की तारीफ की लेकिन कहा कि वह अपनी बल्लेबाजी से खुश है.
भाषा इनपुट के साथ