भारत ने शनिवार को सिलहट इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में अपने सातवें खिताब के लिए फाइनल में श्रीलंका को आठ विकेट से हराकर महिला एशिया कप में अपना दबदबा बनाये रखा. महिला एशिया कप का यह आठवां संस्करण था. 14 साल में अपना पहला टूर्नामेंट फाइनल खेल रही श्रीलंका की टीम धीमी और टर्निंग पिच पर बल्लेबाजी करने का फैसला करने के बाद नौ विकेट पर 65 रन ही बना सकी. भारत ने 8.3 ओवर में दो विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया.
श्रीलंकाई कप्तान चामारी अटापट्टू तीसरे ओवर में रन आउट हो गयीं, जिसके बाद विकेटों का पतझड़ लग गया. अनुष्का संजीवनी भी छह गेंद बाद रन आउट हो गयीं. अगस्त में राष्ट्रमंडल खेलों के बाद से शानदार फॉर्म में चल रही रेणुका सिंह ने हसिनी परेरा को पहली ही गेंद पर पवेलियन भेज दिया. वह कवर में कैच देकर लौटी और उस समय श्रीलंका का स्कोर चार विकेट पर नौ रन था.
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श्रीलंका को एक साझेदारी की सख्त जरूरत थी, लेकिन कविशा दिलहारी के आउट होने के बाद श्रीलंका की आधी टीम 16 रन पर पवेलियन लौट गयी. राजेश्वरी गायकवाड़ को अपना पहला विकेट तब मिला जब नीलाक्षी डी सिल्वा ने उनके शरीर के करीब एक गेंद को कट लगाने का प्रयास किया और गेंद स्टंप्स से जा टकरायी. एक समय श्रीलंका आठ विकेट पर 32 रन पर सिमट गया, तब लग रहा था कि टीम 50 के कुल तक भी नहीं पहुंच पायेगी. लेकिन रणवीरा ने 22 गेंदों में नाबाद 18 रन बनाकर उन्हें उस बदनामी से बचा लिया.
भारतीयों ने अनुशासन के साथ गेंदबाजी की लेकिन खराब शॉट चयन ने श्रीलंका की तेजी से विकेट पतन में अधिक योगदान दिया. सेमीफाइनल में पाकिस्तान पर यादगार जीत के बाद, ऐसा लग रहा था कि यह अवसर श्रीलंका के लिए बेहतर होगा. लेकिन टीम जरा भी उस लय में नजर नहीं आयी. भारत ने रन चेज में शैफाली वर्मा और जेमिमा रोड्रिग्स को सस्ते में खो दिया. हालांकि, दोनों बल्लेबाजों ने टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया.
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इसके बाद स्मृति मंधाना ने टीम को जीत तक पहुंचाया. कप्तान हरमनप्रीत कौर 14 गेंद में 11 रन बनाकर नाबाद रहीं. मंधाना ने अपनी पारी में छह चौके और तीन छक्के जड़े और ओशाडी रणसिंघे को छक्का लगाकर विजयी रन लिये. यह जीत अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप के लिए भारत की तैयारियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. टीम का आत्मविश्वास काफी बढ़ा होगा.