निगरानी ब्यूरो ने औरंगाबाद के ग्रामीण कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार को 50 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथों दबोचा गया था. इसके बाद मंगलवार की देर शाम से इनके पटना के जक्कनपुर बी-एरिया में मौजूद ललिता कुंज अपार्टमेंट के फ्लैट में तलाशी शुरू की गयी, जो देर रात तक चली. इस दौरान पांच लाख 60 हजार रुपये कैश के अलावा करीब 14 बैंक खाते और करीब ढाई लाख रुपये की ज्वेलरी मिली है.
कार्यपालक अभियंता के पास से बरामद बैंक खातों में करीब 70 लाख रुपये जमा हैं. इन्हें फ्रीज करवा दिया गया है. साथ ही बैंक में हुए तमाम लेन-देन की जांच चल रही है. सबसे आश्चर्य की बात है कि इनके पास जमीन, फ्लैट और मकान के कोई भी कागजात नहीं मिले हैं. यहां तक कि जिस फ्लैट में वे वर्तमान में रह रहे हैं, उसके कागजात तक बरामद नहीं हुए हैं. फिलहाल उनके जमीन-जायदाद के सभी कागजात को लेकर पूछताछ चल रही है. हालांकि, तलाशी में निवेश से संबंधित कुछ अन्य कागजात मिले हैं, जिनकी जांच चल रही है. जांच पूरी होने के बाद इनके पास अवैध संपत्ति के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सकती है.
हाल के दिनों में निगरानी ब्यूरो ने कई विभागों खास कर कार्य विभागों के इंजीनियरों पर आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी. इस दौरान सभी रैंक के इन इंजीनियरों के पास से करोड़ों की अवैध संपत्ति का पता चला था. इसके मद्देनजर यह समझा जा रहा है कि सभी सरकारी इंजीनियरों ने अपने घर पर संपत्ति और निवेश के कागजात रखने छोड़ दिये हैं या इन कागजात को अन्य किसी सुरक्षित स्थानों या रिश्तेदारों के पास रखने लगे हैं. इसी का सटीक उदाहरण कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार भी हैं, जिसके घर के हर कोने की तलाशी लेने के बाद भी अचल संपत्ति में निवेश से संबंधित कोई कागजात नहीं मिला.
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संभावना व्यक्त की जा रही है कि इन्होंने अपने किसी फ्लैट या घर या रिश्तेदार या लॉकर में तमाम कागजात को सुरक्षित रख दिया है. निगरानी की टीम फिलहाल इसका पता लगाने में जुटी हुई है. जानकारी मिलने पर रिश्तेदार के यहां भी छापेमारी हो सकती है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan