अय्रंगाबाद: वाराणसी-कोलकात्ता एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. कार्य शुरू होने से पहले ही एनएचआइ ने गजट का प्रकाशन कर दिया है. इसके साथ ही अधिग्रहण की जानेवाली भूमि को चिह्नित कर मूल्य का निर्धारण किया जा रहा है. इस दौरान चिह्नित स्थल पर के लगाये गये बाग-बगीचे का भी मूल्यांकन किया जा रहा है. मूल्याकंन के बाद जमीन के अधार्ड घोषित होने पर किसानों को खेत की कीमत का भुगतान किया जायेगा. हालांकि, अभी इसमें कुछ देर है, पर विभागीय कार्य शुरू कर दिया गया है.
गौरतलब है कि वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण के दौरान औरंगाबाद जिले में 71 व कुटुंबा प्रखंड के 47 गांव के किसानों की जमीन अधिग्रहित की जायेगी. जमीन अधिग्रहण के दौरान उचित मुआवजा नहीं मिलने को लेकर किसानों में असंतोष है. प्रखंड के किसानों द्वारा इसके लिए किसान संघर्ष मोर्चा का गठन कर संघर्ष किया जा रहा है. मोर्चा द्वारा अधिकारियों व प्रतिनिधियों को आवेदन देकर ध्यान आकृष्ट कराया गया है. किसान राष्ट्रीय व राजकीय मार्ग के बगल के जमीन को व्यावसायिक दर एवं ग्रामीण सड़क के बगल के भूमि को आवासीय दर से मुआवजा भुगतान करने की मांग कर रहे हैं.
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प्रखंड क्षेत्र के दधपा पंचायत अंतर्गत नरेंद्र खाप गांव के किसान अपने चक से दखल काबिज है. वहां वर्षों पहले फाइनल चकबंदी कार्य पूरा हो गया है. इसके पश्चात चक के आधार पर भूमि का खतियान तैयार कर दिया गया है. राजस्व रसीद भी चक खतियान व खेसरा के आधार पर कटती है. शनिवार को अधिकारियों की टीम ने उक्त गांव में पहुंच कर स्थल निरीक्षण किया. इस दौरान उक्त गांव के किसानों से रू-ब-रू होकर विचार विमर्श किया गया. ग्रामीणों ने एक्सप्रेस-वे में अधिग्रहित भूमि को चक के आधार पर स्वेच्छा से भुगतान लेने को तैयार है. अधिकारियों की टीम में एडीएम अशीष कुमार सिन्हा, भूअर्जन पदाधिकारी अमित कुमार सिंह, सीओ अभय कुमार व आरओ हिमांशु कुमार आदि थे. अधिकारियों ने बताया कि किसी भी किसान के चक के आधार पर भूमि को भुगतान देने में कोई आपत्ति नहीं है. चक के तहत दाखिल कब्जा के आधार पर किसानों को खेत का पैसा भुगतान किया जायेगा.
एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए औरंगाबाद जिले के तकरीबन 71 गांवों में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. विभाग की अधिसूचना के अनुसार रोहतास जिले के विभिन्न क्षेत्र होते हुए यह सड़क नवीनगर के महुआंव गांव तक पहुंचेगी. इसके बाद महुअरी, नकटौर, सिमरी,धमनी परसा, सिमरा, दुसाध विगहा, लुरूआ, झांझी, तेतरहट, डिहरी, कंकेर, पंचमो, बेलौटी, पांडेय कर्मा, बरिआवां कोनी आदि गांव होते हुए कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र में प्रवेश करेगा.
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कुटुंबा प्रखंड के बड़हड़ चनकप, दसवत बिगहा, चिंतावन बिगहा, नरेंद्र खाप, कठरी, बरौली, चकुआ, तमसी, परसा, रसोईया, सोनवर्षा, रामपुर, दधपा, पिपरा, मित्रसेनपुर, बसौरा, बरहेता, एरका, धनीबार, मझार, पथरा, भखरा, घुघी, महसू, इरियप आदि गांव के किसानो से जमीन अधिग्रहण किया जायेगा. इधर देव प्रखंड के बालूगंज, पंचमो, बरंडा रामपुर व एरौरा गांव से सड़क गुजरेगी.
एक्सप्रेस-वे सड़क पर चढ़ने-उतरने के लिए कुटुंबा प्रखंड के एरका सिंचाई कॉलोनी के समीप से एक प्वाइंट बनने की चर्चा हो रही है. यहीं से एनएच 139 पथ गुजरती है. उक्त पथ बिहार, यूपी, एमपी, छत्तीसगढ़, ओडिसा आदि राज्य को जोड़ती है. जानकारी के अनुसार, एक्सप्रेस-वे निर्माण के क्रम में विभिन्न जगहों पर पुल पुलिया के साथ ओवरब्रिज बनाया जाना है. वैसे अब तक सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है. लोग बताते हैं कि बिहार में 163 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे बनाया जाना है.