औरंगाबाद. घर में अवैध हथियार और कारतूस रखने के मामले में आरोपित को तीन साल कठोर कारावास की सजा सुनायी गयी है. व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी योगेश मिश्रा ने मुफस्सिल थाना कांड संख्या 16/06 में सुनवाई करते हुए एकमात्र अभियुक्त और चौखड़ा गांव निवासी शिवयादव को आर्म्स एक्ट की धारा 25(1-बी) और धारा 26 में दोषी करार देते हुए दोनों धाराओं में तीन-तीन साल की कठोर कारावास और पांच-पांच हजार जुर्माना लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर एक-एक माह अतिरिक्त कारावास होगी. अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि मुफस्सिल थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष शुभेंद्र कुमार सुमन ने सात अप्रैल 2006 को हथियार बरामदगी से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
उन्होंने कहा था कि पेट्रोलिंग पर रहने के दौरान गुप्त सूचना मिली कि पंचायत चुनाव के लिए मिर्जा खैरा में अवैध हथियार व गोली जमा की जा रही है. सूचना के बाद चौखड़ा गांव के शिव यादव के घर में तलाशी ली गयी, तो दो देसी स्टेनगन और 315 बोर की नौ जिंदा कारतूस तथा 315 बोर के ही तीन खोखे बरामद किये गये थे. विधिवत जब्ती सूची बना कर अभियुक्त को नामजद किया गया था. 20 जुलाई 2006 को पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार किया है. छह फरवरी 2007 को उसे उच्च न्यायालय पटना से जमानत मिली. इस घटना के 16 वर्षों बाद सजा सुनायी गयी और बंधपत्र विखंडित कर जेल भेजने का आदेश दिया गया.
औरंगाबाद. व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडीजे 15 अमित कुमार सिंह की अदालत ने रफीगंज थाना कांड संख्या 61/16 में सजा के बिंदु पर सुनवाई कर एकमात्र काराधीन बंदी और रफीगंज प्रखंड के बाबुगंज निवासी पिंटू सिंह को भादवि की धारा 304 बी में आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. कोर्ट के एसडीपीओ अरविंद कुमार ने बताया कि पिछले माह 27 मई को आरोपित को दोषी करार दिया गया था. अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि दहेज को लेकर पिंटू की पत्नी पूजा देवी ने प्राथमिकी दर्ज करा पति पिंटु सिंह को आरोपित बनाया था.
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प्राथमिकी में उल्लेख किया था कि घटना तिथि के एक सप्ताह बाद अपोलो अस्पताल कंकड़बाग पटना में उसे होश आया, तो अपने पिता व सारण के ओतारनगर निवासी रामानुज सिंह के सामने 11 मार्च 16 को पुलिस अधिकारी को बताया कि तीन मार्च 2016 को पति ने अन्य परिजन के साथ मिल कर दहेज के लिए मारपीट की और शरीर पर केरोसिन डाल कर आग लगा दी. इस क्रम में अपनी सास को पकड़ लिया. सास बुरी तरह जख्मी हो गयी. उसे रफीगंज अस्पताल ले जाया गया. वहां से गया के लिए रेफर कर दिया गया. हालांकि, रास्ते में सास की मौत हो गयी. इसके बाद एक सप्ताह तक उसका पटना में इलाज हुआ. अधिवक्ता ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कराने के कुछ दिनों बाद सूचिका की भी मौत हो गयी थी.