बिहार के सभी जिलों में 28 फरवरी को बिहार पुलिस दिवस मनाने की भव्य तैयारी हो रही है. थाना स्तर से जनसभागिता सह संवाद रैली निकाली जा रही है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य पब्लिक को पुलिस से जोड़ना है. वहीं जब पुलिस का क्रूर चेहरा किसी न किसी रूप में सामने आ जाता है तो पुलिस-पब्लिक के बीच स्थापित होने वाले संबंधों पर सवालिया निशान खड़ा हो जाता है. फिर पुलिस का वही चेहरा सामने होता है ,जो लोग याद नहीं करना चाहते है या उसे देखना नहीं चाहते. हालांकि इस चेहरे के पीछे चंद पुलिस वाले ही कारण बनते है. ये पुलिस को कमजोर करने के साथ-साथ बदनाम भी करते है. इसी तरह का पुलिसिया चेहरा एक बार फिर औरंगाबाद में सामने आया है.
मंगलवार की सुबह अनुग्रह नारायण मेमोरियल कॉलेज सेंटर पर साली को परीक्षा दिलाने पहुंचे उसके बहनोई को कुछ पुलिस कर्मियों ने पीट दिया. बड़ी बात यह है कि जब पत्नी ने पति को पीटते देखा तो वो अपने पट्टी को बचाने गयी और फिर पुलिस ने उसकी भी पिटाई कर दी. पुलिस ने जिस महिला की पिटाई की वो गर्भवती है. पुलिस की पिटाई से महिला घायल होकर बेहोश हो गयी. आनन-फानन में दोनों को इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया गया. आश्चर्य की बात तो यह है कि पति-पत्नी को पीटने वाले पुलिस कर्मियों ने घटना से ही इंकार कर दिया.
घायल व्यक्ति अजीत कुमार गया जिले के राजा बिगहा का रहने वाला है, जबकि उसकी पत्नी खुशी कुमारी का मायका औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड के केताकी गांव में है. सदर अस्पताल में इलाज करा रहे अजीत ने बताया कि वह अपनी साली को परीक्षा दिलाने पत्नी के साथ अनुग्रह नारायण मेमोरियल कॉलेज पहुंचा था. वह गेट पर खड़ा था. इसी दौरान कुछ पुलिस कर्मी वहां पहुंचे और फोटो व वीडियो बनाने का आरोप लगाकर मारते हुए अंदर ले गये. यह देख उसकी पत्नी पहुंच गयी और बीच बचाव करने लगी तो पुलिस कर्मियों ने उसके साथ भी मारपीट की. पिटाई व भय से वह बेहोश हो गयी. दो घंटे तक वह पूरी तरह बेहोश रही.
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