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अनिल त्रिगुणायत

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अनुचित है पश्चिमी देशों की टीका-टिप्पणी

पश्चिम को मालूम होना चाहिए कि मुस्लिम आबादी के लिहाज से भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है. यहां मुस्लिम आबादी लगभग उतनी ही है, जितनी पाकिस्तान में. अल कायदा, इस्लामिक स्टेट आदि आतंकी गिरोहों में आप भारत के गिने-चुने लोग पायेंगे. उन समूहों को देश में कोई समर्थन नहीं मिल सका.

चीनी बैलून प्रकरण के मायने

एक बड़ी समस्या गुब्बारों की ऊंचाई को लेकर है. इस संबंध में उड्डयन के जो अंतरराष्ट्रीय नियम और समझौते हैं, उनमें बैलूनों को लेकर स्पष्टता नहीं है, लेकिन यह तो स्पष्ट है कि अगर किसी देश की कोई भी वस्तु किसी देश की वायु सीमा में बिना अनुमति के प्रवेश करती है

संवाद करने की नीयत नहीं है पाकिस्तान की

जब शहबाज शरीफ ने बोला कि हम सभी मुद्दों पर नरेंद्र मोदी के साथ फ्री-फ्रैंक डिस्कशन करना चाहते हैं, तब उन्होंने वहां किसी तरह की कोई शर्त नहीं रखी थी, लेकिन जब वे वापस पाकिस्तान लौटे, तब उन्हें पता चला कि इमरान खान पूरी तरह उनके खिलाफ खड़े हैं

ईरान में रईसी की जीत के मायने

प्रधानमंत्री मोदी ने रईसी को जीत पर बधाई दी है और संभव है कि जल्दी ही कोई भारतीय प्रतिनिधिमंडल ईरान जाये. अच्छे संबंध की हमारी कोशिश जारी रहेगी.

नेपाल की राजनीतिक स्थिरता अनिश्चित

देउबा की नीतियां नरम और उदारवादी हैं तथा आम तौर पर वे भारत के पक्ष में हैं. हमारे लिहाज से यह अच्छी बात है कि परस्पर संवाद बना रहे.

घनिष्ठ होते भारत-अमेरिका संबंध

अमेरिकी विदेश सचिव का यह कहना महत्वपूर्ण है कि दुनिया में ऐसा और कोई देश नहीं है, जिसके साथ हमारे संबंध भारत जैसे घनिष्ठ हों.

सामुद्रिक सुरक्षा की बेहतरी जरूरी

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि एक सर्वमान्य नियम आधारित व्यवस्था होनी चाहिए और सामुद्रिक सीमाओं का सम्मान होना चाहिए.

भारत-रूस संबंधों की बढ़ती संभावनाएं

अगर हम प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन को देखें, तो भारत की अपनी दृष्टि पूरी तरह स्पष्ट है कि वह रूस के साथ व्यापक सहयोग स्थापित करना चाहता है.

वैश्विक चुनौतियों पर स्पष्ट दृष्टिकोण

संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री मोदी ने एक विश्व नेता के रूप में संबोधन दिया है. उन्होंने सभी मुख्य मुद्दों को दुनिया के सामने रखा है.
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