BREAKING NEWS
अरविंद दास
वरिष्ठ पत्रकार
Browse Articles By the Author
Opinion
सिनेमा को सामाजिक बदलाव का बड़ा माध्यम मानते थे श्याम बेनेगल
Shyam Benegal : प्रतिष्ठित कान फिल्म समारोह में उनकी फिल्म ‘मंथन’ (1976) को क्लासिक खंड में दिखाया गया. बाद में जब देश के चुनिंदा सिनेमा घरों में बड़े पर्दे पर फिर से इसे रिलीज किया गया, तब दर्शकों का उत्साह देखते बना.
Opinion
राम कुमार मल्लिक : ध्रुपद व विद्यापति के गायक का मौन होना
राम कुमार मल्लिक को पिछले महीने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री से सम्मानित किया था. वे दरभंगा घराने की 12वीं पीढ़ी के गायक थे.
Opinion
कुमार शहानी : एक अवांगार्द फिल्मकार का जाना
अवांगार्द फिल्मकार और कला विचारक के रूप में कुमार शहानी (1940-2024) की दुनियाभर में एक विशिष्ट पहचान थी. वे हिंदी समांतर सिनेमा के पुरोधा थे.
Bollywood
मणि कौल की ‘दुविधा’
‘दुविधा’ के केंद्र में एक नवविवाहिता स्त्री है, जिसका पति शादी के दूसरे दिन ही घर छोड़ कर ‘दिसावर’ (व्यापार के लिए) निकल जाता है. इस बीच एक भूत पति का रूप धर घर वापस आता है और उस स्त्री के संग रहने लगता है.
Entertainment
श्याम बेनेगल के ‘मुजीब’
यह फिल्म उनके जीवनवृत्त को संपूर्णता में भले समेटती है, लेकिन यहां उनके व्यक्तित्व की आलोचना का अभाव दिखायी देता है.
Opinion
वहीदा रहमानः सिनेमा के सौंदर्य का सम्मान
वैसे तो अपने फिल्मी करियर में उन्होंने सबसे ज्यादा फिल्में देवानंद के साथ कीं, जिनकी जन्मशती मनाई जा रही है, पर शुरुआत दौर की फिल्मों की सफलता का श्रेय वे फिल्म निर्माता-निर्देशक गुरुदत्त को देती हैं.
Bollywood
संकट की अधूरी तस्वीर
टीवी समाचार उद्योग की कार्यशैली पर भी यह डॉक्यूमेंट्री एक तीखी टिप्पणी है. सत्ता चाहे राजनीतिक हो या धर्म की, कभी सवालों को पसंद नहीं करती. लोकतांत्रिक व्यवस्था में मीडियाकर्मी जनता के प्रतिनिधि के रूप में सत्ता से सवाल करते हैं.
Bollywood
‘गाइड’ फिल्म का मोहक सौंदर्य
‘आज फिर जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का इरादा है’ महज एक गाना नहीं, बल्कि इस फिल्म का सूत्र वाक्य है, जो स्त्री मन के अनेक भावों को अभिव्यक्त करता है.
Bollywood
जब बंद हो गये थे आकाशवाणी पर फिल्मी गाने
अक्तूबर 1952 में जब बीवी केसकर देश के नये सूचना और प्रसारण मंत्री बने, तब उन्होंने ऐलान किया कि ‘ये गाने दिनों-दिन अश्लील होते जा रहे हैं और पाश्चात्य देशों की धुनों का कॉकटेल हैं.’