BREAKING NEWS
अशोक भगत
Browse Articles By the Author
Opinion
अपने मूल स्वरूप में लागू हो पेसा कानून
Pesa Act : यहां प्रश्न उठता है कि क्या पांचवीं सूची के अन्य राज्यों की तरह झारखंड का पेसा कानून भी नख-दंत विहीन होगा, या फिर भारतीय संसद में पारित अधिनियम के अनुरूप और आदिवासी संस्कृति के संरक्षक के रूप में इसे लागू किया जायेगा?
Opinion
खेती मजबूत, तो अर्थव्यवस्था सुदृढ़, पढ़ें, पद्मश्री अशोक भगत का आलेख
Indian Economy : एक स्वतंत्र एजेंसी के आंकड़े बताते हैं कि देश में राष्ट्रीय आय का लगभग 28 फीसदी कृषि से प्राप्त होता है.
Opinion
आदिवासियों के संरक्षण के लिए जरूरी है पेसा
पेसा कानून में आदिवासी समुदायों के लिए विकास परियोजनाओं के कारण किसी भी विस्थापन में सख्त पुनर्वास और मुआवजे का प्रावधान है.
Opinion
आदिवासी जमीन की हाे हिफाजत
झारखंड बनने के 24 वर्षों में हर सरकार ने राज्य के विकास के लिए कुछ न कुछ जरूर किया है, पर झारखंड की भूमि समस्या यथावत बनी हुई है. इसके कारण केवल रांची का यदि आप अपराध रिकॉर्ड देखें, तो दंग रह जायेंगे. जमीनी विवाद और घोटालों के कारण रांची में लगभग हर सप्ताह किसी की हत्या जरूर होती है.
Opinion
जलवायु परिवर्तन से जल संकट का खतरा
यह सौभाग्य की बात है कि हमारे देश में लगभग 4000 अरब क्यूबिक मीटर जल वर्षा से प्राप्त होता है, जिसमें से लगभग 2000 क्यूबिक मीटर जल नदी, झील, जलाशय और हिमनदों में उपलब्ध है.
Opinion
मतदान के प्रति विश्वास बनाये रखना जरूरी
हमारे देश में अमूमन पांच वर्ष पर संसदीय चुनाव होता है. मध्यावधि चुनाव भी होते रहे हैं. इसी चुनाव से देश की दिशा और दशा तय होती है. चुनाव में हिस्सा लेना और प्रत्यक्ष रूप से मतदान करना हमारी न केवल राष्ट्रीय जिम्मेदारी है, अपितु संवैधानिक कर्तव्य भी है.
Opinion
जैव विविधता का संरक्षण भी है मधुमक्खी पालन
मधुमक्खी पालन ग्रामीण गरीब, भूमिहीन मजदूर एवं ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार एवं अतिरिक्त आय का प्रमुख साधन बन सकता है. सरल होने के कारण अशिक्षित व्यक्ति भी इसे आसानी से कर सकता है.
Opinion
खाद्यान्न समस्या का समाधान है श्रीअन्न
अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 को जन आंदोलन बनाने के साथ-साथ भारत को वैश्विक पोषक अनाज हब के रूप मे स्थापित करने की दिशा में प्रयास हो रहे हैं. भारत सरकार इस दिशा में पहले से काम कर रही है
Opinion
सरसों के उत्पादन पर जोर देना जरूरी
देश में प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष करीब 22 किलोग्राम तेल की आवश्यकता होती है. इस मांग की पूर्ति के लिए देश को प्रतिवर्ष 33 मिलियन टन से अधिक खाद्य तेल की जरूरत पड़ती है. देश में 2021-22 में प्राथमिक एवं द्वितीयक स्रोत द्वारा 17 मिलियन टन से अधिक टन तेल का उत्पादन हुआ था.