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अशोक भगत

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कृषि को सहकारिता से जोड़ें

किसान के उत्पादन को सही मूल्य दिलाने के लिए बाजार को बिचौलियों से मुक्त कराने की आवश्यकता सदा से महसूस की जाती रही है.

मोटे अनाज की खेती बढ़े

हमें अपने फसल उत्पादन को परंपरा के साथ जोड़ने की जरूरत है. साथ ही अपनी खाद्य आदत में परिवर्तन कर मोटे अनाजों को जोड़ लेना चाहिए.

वनाधिकार में ग्रामीण सहभागिता

समुदाय के पास जंगल का नियंत्रण रहने से वहां आग भी कम लगती है, क्योंकि उनका घर ही जंगल है और जंगल की रक्षा करना उनके धर्म के साथ जुड़ा हुआ है.

मिट्टी को स्वस्थ बनाने पर हो जोर

मिट्टी हमारे जीवन से जुड़ी हुई है. इसके स्वास्थ्य की गुणवत्ता से ही हम अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं. यदि यह बिगड़ा तो समझ लें कि मानव सभ्यता पर संकट छा जायेगा.

पंचायती राज संस्थाओं की मजबूती

यदि लोकतंत्र को मजबूत करना है और शासन में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करनी है, तो पंचायती राज व्यवस्था को प्रभावी बनाना होगा.

प्रकृति से बेहतर तालमेल मूलमंत्र हो

हमें भारतीय चिंतन को सामने लाना होगा और बताना होगा कि प्रकृति के साथ युद्ध नहीं, उसकी पूजा ही मानवता को बचाने का एक मात्र रास्ता है.

लघु वनोपज का सरताज महुआ

विकसित महुआ का एक पेड़ कई प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है. इसलिए इसे आधुनिक कल्पतरु की संज्ञा दी जाए, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी.

आदिवासी चेतना के प्रति सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए नामित कर आदिवासी समाज में राजनीतिक क्रांति का सूत्रपात किया है. यह कालांतर में भारत की एकात्म परंपरा को शक्ति प्रदान करेगा.

वर्षा जल संचयन और प्रबंधन ही निदान

जल के स्थानीय स्रोतों को विकसित करना ही जल संकट का असली समाधान है. इसके लिए समाज को जगाना होगा. जल के महत्व को समझाना होगा. जिस प्रकार हमारे पूर्वज जल की महत्ता को समझते थे और अपने समाज को प्रबोधित करते थे, उसी प्रकार इसे अभियान के तहत समाज पर लागू करना होगा.
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