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Ashutosh Chaturvedi

मीडिया जगत में तीन दशकों से भी ज्यादा का अनुभव. भारत की हिंदी पत्रकारिता में अनुभवी और विशेषज्ञ पत्रकारों में गिनती. भारत ही नहीं विदेशों में भी काम करने का गहन अनु‌भव हासिल. मीडिया जगत के बड़े घरानों में प्रिंट के साथ इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता का अनुभव. इंडिया टुडे, संडे ऑब्जर्वर के साथ काम किया. बीबीसी हिंदी के साथ ऑनलाइन पत्रकारिता की. अमर उजाला, नोएडा में कार्यकारी संपादक रहे. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ एक दर्जन देशों की विदेश यात्राएं भी की हैं. संप्रति एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्य हैं.

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क्रिकेट में चमकते छोटे शहरों के सितारे

अच्छी बात है कि आइपीएल टीमों में छोटे शहरों व कस्बों के कई युवा खिलाड़ियों को लिया गया है और उन्हें इतने बड़े टूर्नामेंट में प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा.

सोशल मीडिया पर लगाम की तैयारी

फेक न्यूज बड़ी चुनौती है. यह समाज में भ्रम और तनाव भी पैदा कर देती है. सोशल मीडिया की खबरों के साथ सबसे बड़ा खतरा यह भी है कि इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति का पता लगाना मुश्किल है.

महिलाओं के प्रति नजरिया बदलें

दरअसल, बचपन से ही यह बात बच्चों के मन में स्थापित कर दी जाती है कि लड़का, लड़की से बेहतर है. इस मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है.

हमें रंगभेद से मुक्त होना होगा

भले हम 21वीं सदी में पहुंच गये हों, नस्लवादी मानसिकता से मुक्त नहीं हो पाये हैं. अब भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो पुरानी सोच पर कायम हैं कि उनकी नस्ल अन्य से श्रेष्ठ है.

बेझिझक लगवाएं कोरोना का टीका

कोरोना से बचने का सबसे अहम उपाय है वैक्सीन. अगर आप 45 पार के हैं, तो तत्काल वैक्सीन लगवाएं. इसमें कोई भी किंतु-परंतु स्वीकार्य नहीं है.

महामारी के इस दौर में कैसे पढ़ें-पढ़ाएं

बच्चे घरों में कैद हैं. उनके आचार- व्यवहार में भारी परिवर्तन आया है. वे मोबाइल पर लगे रहते हैं. दोस्तों से मुलाकात नहीं हो रही. लिहाजा, वे बेहद संवेदनशील हो गये हैं.

इस कठिन दौर से भी जल्द उबरेंगे

मन खट्टा हो जाता है जब इस तरह की खबरें सामने आती हैं कि आपदा की इस घड़ी में ऑक्सीजन सिलिंडर गायब है और जीवनरक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही हैं. यह हम सबके लिये बेहद कठिन दौर है और सभ्य समाज से ऐसे व्यवहार की अपेक्षा नहीं की जाती है.

देर से मदद के लिए आया अमेरिका

अमेरिका के दो शीर्ष अधिकारियों के बयान के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि बाइडेन प्रशासन कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा सकता है.

महामारी में मानवीय मूल्यों का ह्रास

उम्मीद थी कि संकट की इस घड़ी में हम एक-दूसरे के काम आयेंगे, लेकिन यह बेहद शर्मनाक है कि समाज का एक वर्ग आपदा को अवसर मान रहा है.
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