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Ashutosh Chaturvedi
मीडिया जगत में तीन दशकों से भी ज्यादा का अनुभव. भारत की हिंदी पत्रकारिता में अनुभवी और विशेषज्ञ पत्रकारों में गिनती. भारत ही नहीं विदेशों में भी काम करने का गहन अनुभव हासिल. मीडिया जगत के बड़े घरानों में प्रिंट के साथ इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता का अनुभव. इंडिया टुडे, संडे ऑब्जर्वर के साथ काम किया. बीबीसी हिंदी के साथ ऑनलाइन पत्रकारिता की. अमर उजाला, नोएडा में कार्यकारी संपादक रहे. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ एक दर्जन देशों की विदेश यात्राएं भी की हैं. संप्रति एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्य हैं.
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Opinion
इस्राइल-फिलीस्तीन संघर्ष और भारत
प्रधानमंत्री मोदी पहले कार्यकाल में इस्राइल की यात्रा करना चाहते थे, लेकिन विदेश मंत्रालय मध्य पूर्व के देशों की प्रतिक्रिया को लेकर सशंकित था. काफी विमर्श के बाद यह तय हुआ कि तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पहले यात्रा करेंगे और इससे प्रतिक्रिया का अंदाजा लगेगा.
Opinion
भारत के लिए जीत का सुनहरा मौका
हाल के एशिया कप को छोड़ दें, तो इस बात पर चिंतन की जरूरत है कि 2011 के बाद हम कोई बड़ा टूर्नामेंट क्यों नहीं जीत सके हैं. आज भारत के पास गेंदबाजी के कई विकल्प हैं. बल्लेबाजी में भी गहराई है. एक कमी मुझे टीम में श्रेष्ठ ऑल-राउंडरों की लगती है.
Badi Khabar
जन सरोकार की पत्रकारिता का सफर
जमशेदपुर शहर से प्रकाशित आधा दर्जन हिंदी दैनिकों की कुल प्रसार संख्या से दोगुना से अधिक प्रसार अकेले प्रभात खबर का है. यह पाठकों के स्नेह के कारण ही यह संभव हो पाया है.
Opinion
शिक्षकों को भी बदलना होगा
देश के भविष्य निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक का समाज ने भी सम्मान करना बंद कर दिया है. उन्हें समाज में दोयम दर्जे का स्थान दिया जाता है. आप गौर करें, तो पायेंगे कि टॉपर बच्चे पढ़ लिख कर डॉक्टर, इंजीनियर और प्रशासनिक अधिकारी तो बनना चाहते हैं, लेकिन कोई भी शिक्षक नहीं बनना चाहता है.
Badi Khabar
हम कामगारों के प्रति निष्ठुर क्यों हैं
दफ्तरों और कारखानों में कामगारों के लिए अमूमन आठ घंटे काम करने का प्रावधान होता है, लेकिन इन असंगठित क्षेत्र के कामगारों के काम के घंटे, न्यूनतम वेतन कुछ निर्धारित नहीं हैं.
Opinion
बच्चों पर अपनी महत्वाकांक्षाएं न थोपें
मौजूदा दौर की गलाकाट प्रतिस्पर्धा और माता-पिता की असीमित अपेक्षाओं के कारण बच्चों को भारी मानसिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जहां बच्चे परिवार, स्कूल और कोचिंग में तारतम्य स्थापित नहीं कर पाते हैं और तनाव का शिकार हो जाते हैं.
Badi Khabar
प्रभात खबर 40 वर्ष : आपका भरोसा ही हमारी ताकत है
आज प्रभात खबर आठ स्थानों- रांची, जमशेदपुर, धनबाद, देवघर, पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और कोलकाता से एक साथ प्रकाशित होता है. 2019 के इंडियन रीडरशिप सर्वे के मुताबिक प्रभात खबर के पाठकों की संख्या 1.16 करोड़ है.
Opinion
तब की पत्रकारिता, अब की पत्रकारिता
यह सच है कि मौजूदा दौर में खबरों की साख का संकट है, लेकिन आज भी अखबार खबरों के सबसे प्रमाणिक स्रोत हैं. कोई भी अखबार अपनी छपी खबर से पीछे नहीं हट सकता है. अखबार की खबरें काफी जांच पड़ताल के बाद प्रकाशित की जाती हैं.
Opinion
मोबाइल उपयोग सीमित करने की जरूरत
अब बच्चे किशोर, नवयुवक जैसी उम्र की सीढ़ियां चढ़ने के बजाए सीधे वयस्क बन जाते हैं. शारीरिक रूप से भले ही वे वयस्क नहीं होते हैं, लेकिन मानसिक रूप से वे वयस्क हो जाते हैं. उनकी बातचीत, उनके आचार-व्यवहार में यह बात साफ झलकती है.