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डॉ. जयंतीलाल

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घरेलू नीतियों से जीडीपी वृद्धि को देनी होगी गति

GDP growth : जीडीपी वृद्धि दर में हालिया सुस्ती के कारण पर विचार करने पर हम पाते हैं कि बीते वर्ष की कई आर्थिक चुनौतियों के कारण जीडीपी में सुस्ती आयी है. वैश्विक भू-राजनीतिक कारणों और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों ने विकास दर को प्रभावित किया है.

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर का हब बनता भारत

Global Capability Center: ग्लोबल कैपैबिलिटी सेंटर या जीसीसी जॉब मार्केट में नया चलन है. ये आइटी सपोर्ट, कस्टमर सर्विस, फाइनेंस, एचआर और रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर ध्यान केंद्रित करती हैं.

वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत के अवसर

इसमें कोई दो मत नही है कि विदेश व्यापार में भारत की नयी संभावनाएं दुनिया के लिए नये मौके के रूप में है.

चीन की चुनौती से निबटने को भारत तैयार

China–India relations :भारत अधिक रणनीतिक प्रयासों से भारतीय बाजार में उद्योग-कारोबार, निर्यात और निवेश के अधिक मौकों को मुठ्ठियों में ले सकता है.

केंद्रीय बजट से मध्य वर्ग की उम्मीदें

वर्ष 2023-24 में 140 करोड़ से अधिक लोगों में से सिर्फ 2.79 करोड़ लोगों ने ही आयकर दिया है, यानी देश की आबादी के 1.97 फीसदी लोगों ने ही आयकर दिया है.

शेयर बाजार की ऊंचाई और आर्थिक वृद्धि

भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसइ में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण अब 5.21 ट्रिलियन डॉलर हो गया है, वहीं हांगकांग के शेयर बाजार का पूंजीकरण घटकर 5.17 ट्रिलियन डॉलर रह गया है.

वैश्विक ऊंचाई पर भारतीय खिलौना कारोबार

भारतीय खिलौना उद्योग की बहुत कम समय में हासिल ऐसी सफलता की कभी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी. भारत का खिलौना निर्यात पांच-छह वर्षों में तेजी से बढ़कर 2,600 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है.

नये मुक्त व्यापार समझौते की अहमियत

हम उम्मीद करें कि भारत का निर्यात बढ़ाने के मद्देनजर जिस तरह ऑस्ट्रेलिया व संयुक्त अरब अमीरात के साथ किये गये एफटीए लाभप्रद सिद्ध हो रहे हैं.

बनती जा रही है विकसित भारत की डगर

वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक मंचों पर भारत को विशेष अहमियत, अमेरिका और रूस से मित्रता, बढ़ते भारतीय बाजार के कारण कई देशों की भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते की ललक के साथ नये आर्थिक तकनीकी विकास के लिए बढ़ते कदम.
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