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डॉ. जयंतीलाल
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Badi Khabar
पर्यटकों को लुभाने की रणनीति बने
निश्चित रूप से लक्षद्वीप के वर्तमान पर्यटन घटनाक्रम से यह संदेश निकला है कि घरेलू पर्यटकों के बढ़ते विदेश पर्यटन के कदमों को नियंत्रित कर उन्हें देश के पर्यटन स्थलों की ओर मोड़ा जा सकता है.
Opinion
कारोबार के अवसर बढ़ायेगा ‘वेड इन इंडिया’
विवाह से जुड़ी प्रत्येक चीज ट्रेंडी या विशिष्ट हो गयी है, लेकिन परंपरा को बनाये रखने की चाह भी नहीं मिटी है. इसी वजह से आधुनिकता व परंपरा का समन्वय एक फैशन भी बन गया है. ऐसे में यदि भारत में संस्कार और संस्कृति के मूल्यों के साथ ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’ का अभियान आगे बढ़ाया जाए.
Opinion
वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूत होता भारत
भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है और देश में 100 से अधिक यूनिकार्न हैं. साथ ही जल्द ही भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में उभरकर दुनिया के लिए विकास का इंजन बन जाएगा.
Opinion
मजबूत डिजिटल ढांचे की अहमियत
डिजिटल इकोनॉमी के तहत कॉमर्स, बैंकिंग, मार्केटिंग, ट्रांजेक्शन, डेटा एनालिसिस, साइबर सिक्योरिटी, आइटी, टूरिज्म, रिटेल ट्रेड, हॉस्पिटेलिटी आदि क्षेत्रों में रोजगार और स्वरोजगार के चमकीले मौके बढ़ते जा रहे हैं.
Opinion
कम हो चीन से व्यापार असंतुलन
उम्मीद है कि जिस तरह भारतीय खिलौना उद्योग ने चीन से आयात में भारी कमी कर देश और दुनिया को अचंभित किया है, उसी तरह उद्योग-कारोबार के अन्य क्षेत्रों में भी चीन से आयात घटाने और चीन को निर्यात बढ़ाने के नये अध्याय लिखे जायेंगे.
Opinion
बजट से मध्यम वर्ग को उम्मीदें
आगामी बजट में वित्त मंत्री नये टैक्स स्लैब के प्रारूप में बदलाव कर छोटे करदाताओं को नयी राहत दे सकती हैं. इससे नये टैक्स प्रारूप के प्रति करदाताओं का आकर्षण बढ़ेगा. नये कर प्रारूप की घोषणा वर्ष 2020-21 के बजट में की गयी थी, लेकिन अब तक इसके तहत लाभ लेने के लिए आयकरदाताओं का विशेष रुझान नहीं बढ़ा है.
Opinion
आर्थिक राहत देने की कोशिश
सभी लोगों को आर्थिक संकट के बीच स्वयं सावधानी रखनी होगी, वहीं सरकार और रिजर्व बैंक को भी विशेष भूमिका का निर्वहन करना होगा.
Opinion
आत्मनिर्भरता की बुनियाद
प्रधानमंत्री मोदी ने 12 मई को कोविड-19 के संकट से चरमराती अर्थव्यवस्था के लिए बड़े आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. कहा गया कि वित्त मंत्रालय के पिछले पैकेज और भारतीय रिजर्व बैंक की घोषणाओं को जोड़ दें, तो कुल पैकेज 20 लाख करोड़ रुपये का होगा, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 10 फीसदी के बराबर होगा.
Opinion
चीन पर आर्थिक दबाव जरूरी
अक्टूबर, 2016 में पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चीन द्वारा पाकिस्तान का साथ देने के कारण भारतीय उपभोक्ताओं ने चीनी माल का बहिष्कार किया था. इसी तरह जुलाई, 2017 में सिक्किम के डोकलाम में चीनी सेना के सामने भारतीय सेना को खड़े करने पर जब चीन ने युद्ध की धमकी दी थी, तो भारत में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का जोरदार परिदृश्य बना था.