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डॉ धनंजय त्रिपाठी

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परंपरा के विपरीत ओली की चीन यात्रा, पढ़ें डॉ धनंजय त्रिपाठी का खास लेख

KP Sharma Oli : भारत-नेपाल संबंध पिछले कुछ समय में मजबूत हुए हैं. दोनों देशों के बीच ऊर्जा व्यापार बढ़ा है. हाल ही में भारत-नेपाल-बांग्लादेश के बीच ऊर्जा व्यापार का समझौता हुआ है. यह ऊर्जा व्यापार नेपाल को लाभ पहुंचाने वाला है. कहा जा रहा है कि 28 ऐसी परियोजनाएं हैं, जिसके जरिये नेपाल लगभग 700 मेगावाट बिजली भारत को देने वाला है.

भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार की आहट

संभवत: क्रिकेट मैचों और व्यापार संबंधी कुछ मुद्दों पर बातचीत से इस प्रक्रिया को प्रारंभ करने के संकेत हैं. इससे उम्मीद बंधी है. पाकिस्तान में नयी सरकार और राजनीतिक स्थिति है. उसकी अर्थव्यवस्था के समक्ष अनेक मुश्किलें हैं. पाकिस्तान में ऐसी बातें पहले से कही जा रही हैं कि भारत से व्यापार से देश को फायदा ही होगा. लेकिन कोई बड़ी उम्मीद करने से अभी बचना भी चाहिए क्योंकि 2019 के बाद से जो हालात रहे हैं, उसमें सुधार के लिए लगातार कोशिश की जरूरत होगी.

जयशंकर के पाकिस्तान दौरे के मायने

इस यात्रा को लेकर दो तरह की बातें हो रही हैं. पाकिस्तान के रवैये और द्विपक्षीय मसलों के कारण भारत सार्क सम्मेलन में हिस्सेदारी को लेकर हिचकता रहा है, जो पाकिस्तान में होना प्रस्तावित है. इस कारण वह बैठक नहीं हो पा रही है. ऐसे में विदेश मंत्री का जाना महत्वपूर्ण हो जाता है. दूसरी बात यह है कि क्या इससे हम द्विपक्षीय संबंधों के मामले में कुछ अपेक्षा कर सकते हैं. क्या इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और अधिकारियों की कोई बातचीत होगी और क्या इससे भविष्य में वार्ता के लिए कोई रास्ता खुल सकता है?

श्रीलंका में नयी सरकार और भारत

पड़ोसी देशों, विशेष रूप से भारत और चीन, के साथ संबंधों को आगे बढ़ाना नयी सरकार की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण आयाम होगा. अनुरा दिसानायके ने अपने भाषणों और साक्षात्कारों में यह रेखांकित किया है कि उनके नेतृत्व में श्रीलंका न तो किसी खेमे का हिस्सा होगा और न ही भू-राजनीतिक रस्साकशी से कोई मतलब रखेगा.

खाड़ी देशों के साथ मजबूत होते रिश्ते

India and Gulf countries : साल 2022 में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान अमीरात और भारत के बीच एक व्यापक व्यापार समझौता हुआ था, जिसके तहत अमीरात ने भारत में दस वर्षों में सौ अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश समझौता भी है.

ब्रुनेई और सिंगापुर की महत्वपूर्ण यात्रा

PM Narendra Modi visit to Brunei : ब्रुनेई और सिंगापुर दस दक्षिण-पूर्वी देशों के समूह आसियान के सदस्य हैं. कुछ वर्ष पहले आसियान के नेताओं ने मुख्य अतिथि के रूप में हमारे गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत की थी. उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में भारतीय विदेश नीति में पूर्वी एशिया एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरा है, हालांकि उस क्षेत्र के साथ हमारे संबंध लंबे समय से अच्छे रहे हैं.
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