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ज्ञानेंद्र रावत
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Opinion
खतरनाक हैं मानसून में रुकावट की घटनाएं
जलवायु परिवर्तन के संकट से जूझ रही दुनिया इसकी भारी आर्थिक कीमत चुका रही है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस का कहना एकदम सही है कि जलवायु आपदा टालने में दुनिया पिछड़ रही है. समय की मांग है कि विश्व समुदाय सरकारों पर दबाव बनाये. यदि वैश्विक प्रयास तापमान वृद्धि को डेढ़ डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने में कामयाब रहे, तब भी 96.1 करोड़ लोगों के लिए यह खतरा बरकरार रहेगा.
Opinion
भूस्खलन : समय पूर्व चेतावनी प्रणाली की जरूरत
Landslide : इन घटनाओं के पीछे मानवीय गतिविधियों की अहम भूमिका होती है, जिसे नकारा नहीं जा सकता. विकास के नाम पर पहाड़ों का बेदर्दी से विनाश वर्तमान की सबसे बड़ी विडंबना है. वनों का बेतहाशा कटान, बड़ी-बड़ी परियोजनाओं और बहुमंजिले भवनों का निर्माण इसके अहम कारण हैं.
Opinion
कई संकटों का कारण बनता बढ़ता तापमान
विश्व मौसम विज्ञान संगठन की मानें, तो न केवल बीता वर्ष, बल्कि पूरा बीता दशक धरती पर अभी तक का सबसे गर्म दशक रहा है और 2014 के बाद यह जून सबसे गर्म माह रहा है.
Opinion
भीषण गर्मी का गहराता संकट
धरती का तापमान जिस तेजी से बढ़ रहा है, वह समूची दुनिया के लिए खतरनाक संकेत है. बीते नौ सालों ने तो धरती के सर्वाधिक गर्म होने का रिकॉर्ड कायम किया है. यह भी कि दिन-ब-दिन, महीने दर महीने, साल दर साल तापमान वृद्धि के रिकॉर्ड टूट रहे हैं.
Opinion
जंगलों को धधकने से बचाने का हो स्थायी उपाय
उत्तराखंड के मौजूदा हालात स्थिति की गंभीरता का सबूत हैं. आग बुझाने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं. परंतु, सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यही है कि आखिर जंगल की आग कब बुझेगी?
Opinion
भयावह खतरा है लू की तीव्रता
बीते सालों की प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए यह कम आश्चर्यजनक नहीं है कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए कारगर कदम उठाने में वैश्विक समुदाय उतना सजग नहीं दिखता.
Opinion
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए हों व्यापक प्रयास
भारत लगातार खराब वायु गुणवत्ता से जूझ रहा है जिसमें पीएम 2.5 की सांद्रता विश्व स्वास्थ्य संगठन के वार्षिक स्तर से भी 10 गुणा अधिक है. हमारे देश के करीब 1.36 अरब लोग पीएम 2.5 की उच्च सांद्रता की चपेट में हैं.
Badi Khabar
वायु प्रदूषण से बढ़ती मौतें चिंताजनक
दुनियाभर में खराब वायु गुणवत्ता के कारण हर वर्ष लगभग 60 लाख से अधिक लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के वैज्ञानिकों के शोध में खुलासा हुआ है कि वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. यह गंभीर चिंता का विषय है.
Badi Khabar
जीवन के लिए खतरा बन रहा माइक्रोप्लास्टिक
जिस बोतलबंद पानी को हम सबसे अधिक सुरक्षित मानते हैं, वही पानी आजकल जानलेवा बना हुआ है. इस पानी में मौजूद प्लास्टिक के ये छोटे-छोटे कण, जिन्हें हम माइक्रोप्लास्टिक के नाम से जानते हैं, हमारे लिए सुरक्षित नहीं हैं. इनसे हृदय रोग, मधुमेह और अन्य खतरनाक बीमारियों का अंदेशा बढ़ गया है.