BREAKING NEWS
ज्यां द्रेज
Browse Articles By the Author
Opinion
वास्तविक मजदूरी ठहराव की शिकार है
अगर वास्तविक मजदूरी बढ़े, तो संभावना यही है कि कामगारों की आमदनी बढ़ेगी और उनका रहन-सहन बेहतर होगा. वहीं वास्तविक मजदूरी में ठहराव आ जाये, तो गरीबी में कमी लाने के लिहाज से यह चिंता का विषय है
Opinion
ग्रामीण विकास में नरेगा योगदान कर सकता है
नरेगा की भूमिका किसानों को ऐसे उत्पादक निवेश करने में सक्षम बनाना है, जो आम तौर पर उनकी पहुंच से बाहर है. यह सिर्फ एक कल्याणकारी योजना नहीं है, बल्कि एक ठोस आर्थिक उद्यम है.
Opinion
बढ़ाया जाये जन वितरण प्रणाली का दायरा
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम पर ज्यादा खर्च करना जरूरी है. मध्याह्न भोजन और समेकित बाल विकास योजना के लिए भी पिछले आठ वर्षों में राशि की भयंकर कमी रही है
Opinion
खाद्य सुरक्षा की चुनौतियां
फौरी जरूरत अपेक्षाकृत गरीब राज्यों (खासकर पूर्वी क्षेत्र के) को अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की है, ताकि वे अपनी सार्वजनिक वितरण प्रणाली का विस्तार कर सकें, भले ही यह अस्थायी तौर पर हो.
Opinion
कठिन है खोया आधार नंबर जानना
आधार नंबर खो जाने के कारण बिहार और झारखंड में कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें किसी भी सामाजिक योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. खोये हुए आधार नंबर को ढूंढना हमारे और आपके लिए शायद मामूली प्रक्रिया होगी, लेकिन वंचित लोगों के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है. हाल में एक गरीब मुसहर महिला रीना देवी का संघर्ष आधार की मूल संरचना में इस चिंताजनक त्रुटि को उजागर करता है. बहुत से लोगों के पास आधार संख्या का एक ही दस्तावेज होता है- उनका आधार कार्ड. रीना के अनुभव से हमें पता चला कि आधार कार्ड खो जाने पर कैसे एक परिवार को सभी सामाजिक योजनाओं के लाभ से वंचित होने का खतरा है.
Opinion
आधार भुगतान में खामियां दूर हों
एइपीएस उन लोगों के लिए एक गंभीर जोखिम है, जिन्हें नहीं पता कि यह काम कैसे करता है और उनके साथ यह धोखाधड़ी का साधन बन सकता है. एइपीएस की खामियों को कम करना संभव है.
Opinion
योजनाएं बेसहारों का सहारा बनें
शुरू में यह सोचा गया था कि एनएफबीएस के अंतर्गत मुहैया कराये जा रहे लाभ की सीमा भारत के प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के 80 प्रतिशत तक रखी जाये.
Opinion
बुजुर्गों को मिले सम्मानजनक जीवन
भारत में राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांग व्यक्तियों के लिए गैर-अंशदायी पेंशन की महत्वपूर्ण योजनाएं हैं. दुख की बात है कि पुरानी और अविश्वसनीय बीपीएल सूचियों के आधार पर एनएसएपी के लिए पात्रता 'गरीबी रेखा से नीचे' यानी बीपीएल परिवारों तक ही सीमित है.