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कृष्ण प्रताप सिंह
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Opinion
‘रेणु’ : पहले उपन्यास से ही मच गयी थी धूम
कहते हैं कि ‘मैला आंचल’ उपन्यास में रेणु उस अंचल के जनजीवन का बेहद सजीव व मर्मस्पर्शी चित्रण इसलिए कर पाये कि उनका उससे गुल से लिपटी हुई तितली जैसा कभी अलग न किया जा सकने वाला जुड़ाव था.
Opinion
जब नानाजी देशमुख ने ‘जयप्रभा ग्राम’ बसाया…!
निजी उपलब्धियों को लेकर तो नानाजी देशमुख इतने निस्पृह थे कि 1977 में केंद्र में गठित जनता पार्टी सरकार में मंत्री पद का प्रस्ताव ठुकरा दिया था.
Opinion
‘नयी सभ्यता’ के आकांक्षी थे आचार्य नरेंद्रदेव
कांग्रेस में और उसके बाहर रहते हुए उनकी राजनीतिक सक्रियताओं के आयाम कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी से सोशलिस्ट पार्टी/प्रजा सोशलिस्ट पार्टी तक फैले हुए हैं. गांधी जी से स्नेहसिक्त संबंध के बावजूद वे ‘गांधीवादी’ नहीं बने और खुद को मार्क्सवादी कहने के बावजूद कभी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य नहीं बने.