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मधुरेंद्र सिन्हा

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सहकारिता से तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत

Ministry of Cooperatives : देश में इस समय कुल 8.55 लाख को-ऑपरेटिव सोसाइटीज हैं. इनमें 29 करोड़ लोग सीधे तौर से संलिप्त हैं, जिन्हें इससे रोजगार और वित्तीय सुरक्षा मिलती है. विश्व के सबसे बड़े 300 को-ऑपरेटिव में भारत के इफको, क्रिभको और अमूल हैं. इन्होंने करोड़ों भारतीयों को रोजगार दिया है और उन्हें सम्मानजनक जिंदगी दी है.

बुजुर्गों के हित में भी बने वित्तीय नीति

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर बता रहे हैं मधुरेन्द्र सिन्हा

डॉलर पर निर्भरता कम करने का प्रयास

Dependence on Dollar: हर देश अपने पास विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में डॉलर रखना चाहता है, ताकि बाजार के उतार-चढ़ाव से वह महफूज रहे. और, यहीं पर पेंच है. देशों की डॉलर रखने की जरूरत या मजबूरी इसे बेहद मजबूत बना देती है. हालत यह है कि थोड़े से डॉलर के लिए कई देश अपने उत्पादों को वहां के बाजारों में बहुत सस्ते दामों में बेचते रहते हैं.

गंगा से कावेरी तक दक्षिण की चुनावी यात्रा

गंगा से कावेरी तक दक्षिण की चुनावी यात्रा : अमित शाह ने अन्नामलाई को पूरी आजादी दी, जिसका नतीजा था कि वहां प्रधानमंत्री मोदी का चुनावी दौरा अब तक का सबसे प्रभावशाली था.

साइबर हमले को लेकर सजग हों हम

तीन नये आपराधिक कानूनों का उद्देश्य साइबर अपराधियों द्वारा कानून के चंगुल से बचने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कानूनी खामियों को दूर करना भी है.

अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार पाने वाले एक मनोवैज्ञानिक

कानमैन ने बड़ी अच्छी बात बतायी कि 100 डॉलर मिलने पर खुशी तो होती है, लेकिन इतने का नुकसान होने पर दुख उसका दुगना होता है, जबकि यह उसके बराबर ही होना चाहिए. यह एक स्वाभाविक और व्यावहारिक सी बात है.

भारतीय ज्यादा खरीद रहे हैं प्रीमियम प्रोडक्ट

भारत के तेज आर्थिक विकास ने एक ऐसे वर्ग को जन्म दिया है, जिसके पास पैसा है और उसे खर्च का दिल भी है.
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