17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

पंकज चतुर्वेदी

Browse Articles By the Author

होली तो अहंकार विसर्जन का है पर्व

आदिवासी समाज में प्रत्येक कृषि उत्पाद के लिए ‘नवा खाई’ पर्व होता है, जो भी नयी फसल आयी, उसके लिए प्रकृति का धन्यवाद. होली भी किसानों के लिए कुछ ऐसा ही पर्व है.

जल प्रबंधन की उपयोगिता

पानी के सही इस्तेमाल पर कड़ाई से नजर रखने के लिए ‘वाटर फुट प्रिंट’ यानी जल पद चिह्न का निर्धारण महत्वपूर्ण व निर्णायक हो सकता है.

पानी सहेजने की डालें आदत

प्रकृति के खजाने से हम जितना पानी लेते हैं, उसे वापस भी हमें ही लौटाना होता है. इसके लिए जरूरी है कि विरासत में हमें जल सहेजने के जो साधन मिले हैं, उनको मूल रूप में जीवंत रखें.

खेती पर जलवायु परिवर्तन की मार

खेती पर जलवायु परिवर्तन के असर के लिहाज से 310 जिलों को संवेदनशील माना गया है, जिनमें 109 जिले बेहद संवेदनशील हैं.

तपते महानगर से बढ़ती चिंता

शहरों की घनी आबादी संक्रामक रोगों के प्रसार का आसान जरिया होते हैं. देश के सभी बड़े शहर इन दिनों कूड़े को निबटाने की समस्या से जूझ रहे हैं.

तालाब बचाना भी जरूरी है

सरोवर खोदने या सुंदर बनाने से ज्यादा जरूरी है इसमें पानी की नैसर्गिक आवक, जल निधि में गंदगी रोकना सुनिश्चित करना और उसका नियमित प्रयोग करना.

आसान नहीं हैं बाल साहित्य लिखना

वैश्विक नेता के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्थापित करने में मिली सफलता को भी नुपूर शर्मा ने नुकसान पहुंचाया है.

बाढ़ और असम की अर्थव्यवस्था

अनुमान है कि बाढ़ में सालाना 200 करोड़ रुपये का नुकसान होता है. राज्य में इतनी मूलभूत सुविधाएं खड़ी करने में दस साल लगते हैं यानी असम हर साल विकास की राह पर 19 साल पिछड़ता जाता है.

पॉलीथिन के विकल्पों पर हो विचार

सनद रहे कि 40 माइक्रॉन से कम वाली पतली पन्नी सबसे ज्यादा खतरनाक है. ऐसी पॉलीथिन उत्पादित करने वाले कारखानों को ही बंद करना पड़ेगा.
ऐप पर पढें