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प्रभु चावला

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George Soros : भारत में नहीं चला सोरोस का एजेंडा, पढ़ें प्रभु चावला का...

George Soros : सोरोस का मॉडल पारदर्शी है. वह उन देशों में ओपन सोसाइटी फाउंडेशन की नींव रखते हैं, जिन्हें वह बंद समाज मानते हैं. और इस तरह वह उन देशों की सामाजिक-राजनीतिक माहौल को बाधित करते हैं. इससे पहले चीन, रूस और तुर्किये उनके निशाने पर थे.

अतिवादी बांग्लादेश की नकेल कसें मोदी-ट्रंप

जब से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में मोहम्मद यूनुस पश्चिम से ढाका आये हैं, तब से वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं का ऐसा सफाया हो रहा है, जैसा विभाजन के बाद नहीं हुआ. नरेंद्र मोदी को अपने वैश्विक कद का इस्तेमाल कर सांप्रदायिक बांग्लादेश को अलग-थलग करना चाहिए. डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने मजबूत रिश्ते के जरिये उन्हें अतिवादी बांग्लादेश को मिल रहा अमेरिकी समर्थन बंद करने की दिशा में सक्रिय होना चाहिए.

संसद में 3 गांधी बनाम नरेंद्र मोदी

Gandhi trinity vs solo Modi : व्यक्तिगत त्रासदी के अलावा लंबे समय तक पार्टी में पेशेवर दायित्व निभाने के कारण मौन उनका सबसे प्रभावी हथियार है. वह संसद में रोज के काम से मुक्त रहेंगी. यह 77 वर्षीया नेतृत्वकारी महिला पिछले 26 साल से राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं और खुद को भाजपा तथा मोदी के विरुद्ध 'जॉन ऑफ आर्क' के रूप में पेश करती हैं.

Opinion: मोदी और ट्रंप में हैं 5 अद्भुत समानताएं, बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार...

Modi And Trump : मोदी और ट्रंप, दोनों राष्ट्रीय राजनीति में अपेक्षाकृत नये खिलाड़ी माने जाते हैं. मोदी ने दिल्ली के ड्रॉइंग रूम में बैठने वाले कुलीनों को हटाने की शपथ ली थी, तो ट्रंप ने वाशिंगटन के राजनीतिक दिग्गजों को मात देने की कसम खायी थी. यह अरबपति रियल एस्टेट डेवलपर अमेरिका के उम्रदराज राष्ट्रपति हो सकते हैं, पर इनमें रैंबो जैसी ऊर्जा है और वह व्हाइट हाउस को ज्यादा शक्तिशाली बनाने की क्षमता रखते हैं.

महाराष्ट्र में शरद पवार की आखिरी लड़ाई, पढ़ें वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला का खास...

Maharashtra Elections : महाराष्ट्र चुनाव शरद पवार और नरेंद्र मोदी के बीच सीधी लड़ाई है. पूरी संभावना है कि पवार की यह आखिरी लड़ाई होगी. मोदी के करिश्मे की पूर्ण वैधता के लिए भी यह महत्वपूर्ण परीक्षा होगी. पवार को यह साबित करना कि वे सर्वश्रेष्ठ और ताकतवर मराठा हैं.

उमर अब्दुल्ला के सामने अनेक चुनौतियां

Omar Abdullah : उमर भी अब अलग हैं. अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद वे भारतीय संविधान की शपथ लेने वाले जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री हैं. शायद सत्ता से बाहर रहने ने उन्हें व्यावहारिक बनाया है. उन्होंने यह समझ लिया है कि उन्हें और उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस को नयी राजनीतिक वास्तविकता के साथ जीना होगा.

कांग्रेस को सोनिया गांधी की आवश्यकता

सोनिया गांधी का उद्देश्य विपक्ष को एकजुट करना था. उन्होंने यूपीए में अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी शरद पवार को स्वीकार किया, जिन्होंने उनके विदेशी मूल का हवाला देते हुए कांग्रेस छोड़ दी थी.

भाजपा को दमदार अध्यक्ष की तलाश

आकलन के साथ समस्या यह है कि आप जो देखते हैं, वह वैसा ही नहीं होता. मोदी और संघ के पास निषेध की शक्ति है. पुरानी भाजपा के पास अध्यक्ष पद के लिए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय क्षत्रपों की एक बटालियन थी. मोदी को मंत्रियों से इस्तीफा लेकर पार्टी में भेजने के लिए जाना जाता है. यह संभावना है कि राजनाथ सिंह, गडकरी या चौहान, या कोई कम ज्ञात, पर भरोसेमंद स्वयंसेवक नड्डा की जगह ले ले.

किसानों की सुध लेना जरूरी

प्रभु चावला बयां कर रहे हैं किसानों की हालत
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