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प्रभु चावला

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केंद्र और राज्य मिलकर काम करें

वास्तविक सहकारी संघवाद का समय आ गया है, जहां केंद्र अगुवाई करे और राष्ट्रीय मामलों में राज्य भी अपनी बात कह सकें.

सत्ता के गलियारों की हलचलें

कैबिनेट में बदलाव की मुहिम के लिए किसी वर्तमान मंत्री को चिह्नित नहीं किया जा रहा है, पर प्रधानमंत्री मोदी का मन एक रहस्य है.

सत्ता के गलियारे की भुनभुनाहट

एक माह में तेल कंपनियों ने कीमतों में दर्जन बार से ज्यादा बढ़ोतरी की है, जबकि कच्चे तेल का अंतरराष्ट्रीय बाजार या तो स्थिर है या नीचे जा रहा है.

बंगाल के अच्छे दिन के लिए सोचें

आप मोदी-वर्चस्व के राजनीतिक मंडल में आगे बढ़नेवाली अकेली क्षेत्रीय नेता हैं. लेकिन जीत के बाद शिष्टता और बड़प्पन का क्रम आता है.

अनुशासित भाजपा में ‘तीर्थयात्री’

दूसरे दलों से आये नेताओं ने भाजपा के हिस्से में कुछ राज्यों की सत्ता जोड़ी है, पर विश्वासियों की आत्मा में कांटे भी चुभाये हैं.

सत्ता और सियासत के उतार-चढ़ाव

मोदी व योगी भारत के सबसे बड़े राज्य में पार्टी की संभावना को लेकर भरोसा दिखाते हैं. लखनऊ में वापसी 2024 में मोदी की जीत का आधार बनेगी.

ट्विटर का खोखलापन और गुलामी

भारतीय राजनेता अपनी बात के प्रसार के लिए अपने पुराने व प्रभावी माध्यम सांगठनिक तंत्र के बजाय सोशल मीडिया पर बहुत अधिक निर्भर हैं.

विपक्षी एकता के निहितार्थ

बीते सात वर्षों में मोदी ने भारत के राजनीतिक और सामाजिक परिवेश को बहुत हद तक बदल दिया है. यह तो समय ही बतायेगा कि क्या दिमागों की एकता लड़ाई के मैदान में दिल की एकता में भी बदलेगी.

अप्रासंगिक होता जाति समीकरण

पिछड़े वर्ग के होने से मोदी ने चुनावी रिकॉर्ड नहीं बनाया, बल्कि ऐसा एक दृष्टि और लक्ष्य वाले नेता की उनकी छवि की वजह से हुआ.
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