BREAKING NEWS
प्रभु चावला
Browse Articles By the Author
Opinion
सत्ता और सियासत के उतार-चढ़ाव
मोदी व योगी भारत के सबसे बड़े राज्य में पार्टी की संभावना को लेकर भरोसा दिखाते हैं. लखनऊ में वापसी 2024 में मोदी की जीत का आधार बनेगी.
Opinion
ट्विटर का खोखलापन और गुलामी
भारतीय राजनेता अपनी बात के प्रसार के लिए अपने पुराने व प्रभावी माध्यम सांगठनिक तंत्र के बजाय सोशल मीडिया पर बहुत अधिक निर्भर हैं.
Opinion
विपक्षी एकता के निहितार्थ
बीते सात वर्षों में मोदी ने भारत के राजनीतिक और सामाजिक परिवेश को बहुत हद तक बदल दिया है. यह तो समय ही बतायेगा कि क्या दिमागों की एकता लड़ाई के मैदान में दिल की एकता में भी बदलेगी.
Opinion
अप्रासंगिक होता जाति समीकरण
पिछड़े वर्ग के होने से मोदी ने चुनावी रिकॉर्ड नहीं बनाया, बल्कि ऐसा एक दृष्टि और लक्ष्य वाले नेता की उनकी छवि की वजह से हुआ.
Opinion
चिंताजनक है नशे की बढ़ती लत
भारतीय परिवार संस्था में बदलाव भी युवाओं के नशे की ओर क्रमश: जाने के लिए जिम्मेदार है. संयुक्त परिवार के पतन के साथ बच्चों और युवाओं की आदतों पर नजर रखने की व्यवस्था भी ढह गयी है.
Opinion
सत्ता के गलियारे के जटिल पेच
प्रधानमंत्री कार्यालय निरंतर परिवर्तनशील है. प्रधानमंत्री शासन के नये प्रयोग करना और नये नियम बनाना पसंद करते हैं.
Opinion
बदल रहा है नौकरशाही का ढांचा
इन दिनों वित्त मंत्री के अगले मुख्य आर्थिक सलाहकार के संभावित नाम को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं. क्या देश की पहली महिला वित्त मंत्री को पहली महिला सलाहकार मिलेंगी?
Opinion
राजनीतिक विकल्प बनाने में पेच
मोदी ने खुद को सभी जातियों, समुदायों और मुद्दों के मसीहा के रूप में स्थापित कर दिया है. इंदिरा गांधी के अलावा किसी और नेता को ऐसा स्तर नहीं मिला है.
Opinion
देश के भीतर अच्छे अवसर मिलें
विडंबना है कि बाहर जाती भीड़ भारतीय व्यवस्था को अवरोधक, पर्यावरण को अस्वास्थ्यकर और सामाजिक रूप से दमनकारी मानती है.